23 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सांकेतिक भाषा के सन्दर्भ में जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा की थीम “सभी के लिए सांकेतिक भाषा का अधिकार” है।
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस को मनाये जाने के प्रस्ताव विश्व बधिर संघ द्वारा रखा गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने A/RES/72/161 के द्वारा दिसम्बर, 2017 में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस की स्थापना की।
23 सितम्बर, 1951 को विश्व बधिर संघ की स्थापना की गयी थी। सितम्बर, 1958 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह मनाया गया था। विश्व बधिर संघ के अनुसार विश्व भर में लगभग 72 मिलियन बधिर लोग हैं, जो सुन नहीं सकते। इनमे से 80% लोग विकासशील देशों में रहते हैं। वे 300 से अधिक सांकेतिक भाषाओँ का उपयोग करते हैं।
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