11 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण भूमि मालिकों को संपत्ति कार्ड्स का वितरण करेंगे।
यह संपत्ति कार्ड उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड राज्यों के गांवों में वितरित किए जायेंगे। इससे लगभग 763 गांवों को लाभान्वित होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के 346 गाँव, मध्य प्रदेश के 44 गाँव, महाराष्ट्र के 100, हरियाणा के 221, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गाँव शामिल हैं।
Svamitva का पूर्ण स्वरुप Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण आबादी को आवासीय संपत्तियों के दस्तावेज का अधिकार प्रदान करना है। यह ग्रामीण आबादी को वित्तीय संपत्ति के रूप में संपत्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
इस योजना का उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि का सर्वेक्षण करना है। इस योजना के तहत सर्वेक्षण चार वर्षों की अवधि में किया जायेगा जो 2020 और 2024 के बीच है। इस योजना को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 79.65 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था।
यह योजना 24 अप्रैल, 2020 को शुरू की गई थी। इसे राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर लॉन्च किया गया था। इस योजना का शुभारंभ पंचायती राज मंत्रालय द्वारा किया गया था।
ग्रामीण भारत के कई गांवों में अपनी भूमि के स्वामित्व को साबित करने के लिए उचित दस्तावेज नहीं हैं। भूमि राज्य का विषय है, कई राज्यों ने संपत्तियों के सत्यापन के लिए गांवों में आबादी वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण और माप का कार्य पूरा नहीं किया था। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों का सशक्तिकरण करना है।