सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों को ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए कहा

February 5, 2020

3 फरवरी, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों को चार सप्ताह के भीतर ‘ग्राम न्यायालयों’ की स्थापना करने के लिए कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य के उच्च न्यायालयों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए कहा है।

मुख्य बिंदु

ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008 को ज़मीनी स्तर पर ग्राम न्यायालयों की स्थापना के लिए पारित किया गया था। इस न्यायिक संस्था का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय प्रदान करना  है।

राज्यों  में  ग्राम न्यायालयों के मौजूदा स्थिति को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने स्पष्ट किया था।

प्रशांत भूषण द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट के अनुसार गोवा ने ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए दो अधिसूचनाएं जारी की थीं। परन्तु अभी तक राज्य में कोई भी ग्राम न्यायालय कार्य नही कर रहा है। हरियाणा ने ग्राम न्यायालय के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की हैं, हरियाणा में केवल दो ग्राम न्यायालय कार्य कर रहे हैं।

झारखण्ड  में 6  ग्राम न्यायालयों को अधिसूचित किया गया था, परन्तु राज्य में केवल एक ग्राम न्यायालय कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश ने 113 ग्राम न्यायालयों के लिए अधिसूचना जारी की थी, परन्तु राज्य में अभी केवल 14 ग्राम न्यायालय कार्य कर रहे हैं। राज्य में कुल 822 ग्राम न्यायालय स्थापित किये जाने हैं।

वर्तमान में केवल 208 ग्राम न्यायालय कार्य कर रहे हैं, जबकि 12वीं पंचवर्षीय योजना के मुताबिक देश में 2500 ग्राम न्यायालयों की आवश्यकता है।