भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में HS200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) में किया गया था।
यह ठोस प्रणोदक का उपयोग करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा परिचालन बूस्टर है। इस बूस्टर में उपयोग की जाने वाली नियंत्रण प्रणाली में दुनिया के सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स में से एक का उपयोग किया गया है।
इसे पिछले दो वर्षों में केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में डिजाइन और विकसित किया गया है।
पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने की भारत की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करना। गगनयान कार्यक्रम के तहत दो मानव रहित मिशन और एक मानवयुक्त मिशन चलाया जाएगा।