केन्द्रीय कैबिनेट ने 22वें विधि आयोग को मंज़ूरी दी

February 20, 2020

19 फरवरी, 2020 को केन्द्रीय कैबिनेट ने 22वें विधि आयोग (Law Commission) को मंज़ूरी दे दी है। इस विधि आयोग का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।

मुख्य बिंदु

22वें विधि आयोग में एक पूर्णकालिक चेयरपर्सन होगा। इसके अलावा चार पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इस आयोग में कानूनी मामले विभाग तथा विधायी विभाग के सचिव भी इसमें शामिल होंगे।

भारतीय विधि आयोग (Law Commission of India)

यह एक गैर-वैधानिक संस्था है जिसका गठन भारत सरकार द्वारा समय समय पर किया जाता है। देश में पहली बार विधि आयोग का गठन 1955 में किया गया था। उसके बाद  से विधि आयोग का पुनर्गठन प्रत्येक तीन साल बाद किया जा रहा है। अब तक भारतीय विधि आयोग 277 रिपोर्ट्स प्रस्तुत कर चुका है।

लाभ

विधि आयोग इसको सौंपे गये कानून के विभिन्न पहलों पर अनुशंसा प्रस्तुत करता है। यह नए कानूनों के लिए अनुसन्धान का कार्य करता है तथा सुधार की अनुशंसा करता है।

कार्य

उन कानूनों को चिन्हित करना, जिन्हें तुरंत खारिज किये जाना चाहिए

वर्तमान में लागू कानूनों का मूल्यांकन करना तथा उन्हें बेहतर बनाने के लिए सुझाव देना

अन्य देशों द्वारा कानून निर्माण के लिए किये गये अनुरोध का जवाब देना

निर्धन लोगों की कानूनी सहायता के लिए कदम उठाना

कानूनों के सरलीकरण के लिए उनका संशोधन करना