हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को H1 दवा घोषित किया गया, निर्यात पर प्रत्बंध लगाया गया

April 1, 2020

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स नियमों के तहत अनुसूची एच 1 के तहत वर्गीकृत दवाओं को ‘ओवर द काउंटर’ नहीं बेचा जा सकता। यह अनुसूची वर्ष 2013 में पेश की गई थी। इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने फ्रंट लाइन चिकित्साकर्मियों और उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए इस दवा की सिफारिश की थी जो कोरोनोवायरस संक्रमित रोगी के संपर्क में थे।

मुख्य बिंदु

COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को एक आवश्यक दवा के रूप में घोषित किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिन चार दवाओं का सुझाव दिया, भारत ने इसमें से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग को अपनाया है। भारत ने इस दवा को अनुसूची H1 में शामिल किया और इसलिए देश में दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

अनुसूची H1 क्या है?

अनुसूची H1 के तहत सूचीबद्ध दवाओं को निम्नलिखित शर्तों के तहत बेचा जाना आवश्यक है

  • H1 दवाओं की आपूर्ति को एक अलग रजिस्टर में पंजीकृत किया जाना आवश्यक है। रजिस्टर में प्रिस्क्राइबर, मरीज का नाम और पता होना चाहिए। और यह विवरण आपूर्तिकर्ता द्वारा न्यूनतम तीन वर्षों के लिए रखा जाना चाहिए।
  • अनुसूची एच 1 के तहत सूचीबद्ध दवा को लाल रंग में “Rx” के रूप में लेबल किया जाना चाहिए।