स्टडी मटेरियल

अहमदशाह (1748-54 ई.)

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अयोग्य शासक

अहमदशाह के समय उसका प्रिय (हिजड़ा) ‘जावेद ख़ाँ दरबारी दल का नेता था। उसे ‘नवाब बहादुर’ की उपाधि प्रदान की गयी थी। प्रशासनिक कार्यों में राजमाता का पूरा हस्तक्षेप था। उसे ‘विला-ए-आलम’ की उपाधि प्राप्त थी। अहमदशाह एक अयोग्य और अय्याश बादशाह था, तथा उसमें प्रशासनिक क्षमता बिल्कुल नहीं थी। उसने प्रशासन के क्षेत्र में एक मूर्खतापूर्ण कार्य करते हुए अपने ढाई वर्ष के पुत्र मुहम्मद को पंजाब का गर्वनर नियुक्त किया और एक वर्ष के बेटे को उसका डिप्टी बना दिया। इसी प्रकार कश्मीर की गर्वनरी ‘सैय्यद शाह’ नामक एक बच्चे को सौंपी तथा 15 वर्ष के एक लड़के को उसका डिप्टी नियुक्त किया गया। ये नियुक्तयाँ उस समय की गयीं, जब अफ़ग़ान हमलों का ख़तरा बहुत अधिक था।

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