यंग बंगाल, बंगाल के क्रांतिकारी बंगाली स्वतंत्र चिन्तकों का एक समूह था जो कोलकाता के हिन्दू कॉलेज से सम्बन्धित थे। ये सभी हिन्दू कॉलेज के क्रांतिकारी शिक्षक हेनरी लुई विवियन डिरोजिओ (जन्म 1801 – मृत्यु 1831) के अनुयायी थे। डिरोजियो हिन्दू कालेज में 1826 से 1831 तक पदस्थ थे।1875 में यंग बंगल की स्थापना हुई थी जबकि भारत में इसकी स्थापना 1886 ई0 में हुई। इस आन्दोलन के सदस्य मुक्त चिन्तन की भावना से प्रेरित थे तथा तत्कालीन हिन्दू समाज की सामाजिक एवं धार्मिक संरचना के विरुद्ध विद्रोही भावना रखते थे। इस दल में कुछ ईसाई (जैसे-अलेजैण्डर डफ) भी थे जो मिशनरी थे और हिन्दुओं के धर्मान्तरण के लिए तरह तरह के उपाय करते रहते थे। लालबिहारी इनके ही शिष्य थे जिन्होने हिन्दू धर्म का त्याग कर दिया था। कुछ यंग-बंगाली अपने बाद के दिनों में ब्रह्म समाज आन्दोलन में भी घुसे और उसे प्रभावित करने का प्रयत्न किया। किन्तु यह आन्दोलन स्थाई प्रभाव नहीं छोड़ पाया। डिरोजियो को आधुनिक भारत का प्रथम राष्ट्रवादी कवि भी कहा जाता है, ये कोलकाता हिन्दू कॉलेज में इतिहास के प्राध्यापक थे।