स्टडी मटेरियल

गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा

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दिल्ली में तुगलकाबाद के किले के सामने एक खूबसूरत मकबरा है जो कि दिल्ली के बादशाह ग्यासुद्दीन तुगलक (1321-25 ई.) का है जिसने तुगलक वंश की स्थापना की थी l यह एक सुंदर इमारत है जो कि एक छोटे किले की तरह दिखती है। यह एक दर्शनीय स्थल है जो कि तुगलकाबाद किले के ठीक सामने है।

मूल रूप से यह बड़े तालाब के बीच में था और एक पुल के जरिए तुगलकाबाद के किले से जुड़ा हुआ था। अब इस सेतु के बीच में से महरौली-बदरपुर रोड जाती है। मकबरा गियासुद्दीन तुग़लक़ ने खुद अपने लिए 1321 में बनवाया था।

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गयासुद्दीन तुगलक, उनकी बेगम और उनके बेटे मोहम्मद बिन तुगलक (1325-51 ई.) की तीन कब्रें मकबरें में हैं। ऊँची दीवारों से घिरा हुआ, यह मकबरा अनियमित पंचभुज जैसा प्रतीत होता हैं। मकबरे की वास्तुकला भारतीय-इस्लामिक शैली में डिजाइन की गयी। गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा अग्रसरित रूप में तुगलक वंश से संबंधित सभी इमारतों की शैली हैं। लाल बलुआ पत्थर और सफेद पत्थर का उपयोग इस खूबसूरत वास्तुकला को सुशोभित करने के लिए किया गया है। इस के अन्दर नीचे तक सीढ़ियां जाती हैं जो कब्र के नीचे तक पहुंचती है जिन्हें आजकल बंद कर दिया है l

इसके अन्दर ज़फर ख़ान की कब्र भी है। कहते है सबसे पहले ज़फर ख़ान की कब्र ही गियासुद्दीन तुग़लक़ ने इधर बनवाई थी और उसके बाद ही उन्हें इस मकबरे को बनाने का ख्याल आया था। ज़फर खान दिल्ली सल्तनत का एक माना हुआ सेनापति था जिसने दिल्ली सल्तनत के लिए बहुत सारी लड़ाईयाँ जीती थीं।

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गयासुद्दीन तुग़लक़