स्टडी मटेरियल

इब्राहिम लोदी (1517-1526 ई.)

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।
Get it on Google Play

इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था। वह अफगानी था। मुगलों द्वारा पराजित हुआ, जिन्होंने एक नया वंश स्थापित किया, जिस वंश ने यहाँ तीन शताब्दियों तक राज्य किया।

इब्राहिम को अपने पिता सिकंदर लोदी के मरणोपरांत गद्दी मिली। परंतु उसकी शासकीय योग्यताएं अपने पिता समान नहीं थीं। उसे अनेक विद्रोहों का सामना करना पड़ा।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

राणा सांगा ने अपना साम्राज्य पश्चिम उत्तर प्रदेश तक प्रसार किया और आगरा पर हमले की धमकी दी। पूर्व में भी विद्रोह शुरु हो गया। इब्राहिम ने पुराने एवं वरिष्ठ सेना कमाण्डरों को अपने वफादार नये सेना कमाण्डरों से बदल कर दरबार के नवाबों को भी नाखुश कर दिया था। तब उसे अपने लोग ही डराने धमकाने लगे थे। और अंततः अफगानी दरबारियों ने बाबर को काबुल से भारत पर आक्रमण करने के लिये आमंत्रित किया।

इब्राहिम लोदी का शासन काल

  1. सिकंदर लोदी की मृत्यु के पश्चात उसका ज्येष्ठ पुत्र इब्राहिम लोदी ने सिंहासन संभाला इसका शासन काल 1517 से 1526 तक रहा
  2. इब्राहिम लोदी अफगान सरदारों की सर्वसम्मति से गद्दी पर बैठा
  3. अफगानों की शासन व्यवस्था राजतंत्रीय न होकर कुलीनतंत्रीय थी  राजत्व सिध्दांत सरदारो की समानता पर आधारित था योग्यता के आधार पर सरदारों के सुल्तानों को चुने जाने का अधिकार समझते थे
  4. राज्य विभाजन के फलस्वरूप उसके छोटे भाई जलाल खाँ को जौनपुर की गद्दी सौंपी गई परंतु इब्राहिम ने जौनपुर पर भी कब्जा कर लिया
  5. उसने लोहानी, फारमूली एवं लोदी जातियो के शक्तिशाली सरदारो के वर्ग थे जो राज्य के अधिकारी वर्ग थे उन सब के विरुध्द दमन की नीति चलाई

इब्राहिम लोदी की सबसे बडी सफलता

इब्राहिम लोदी की सबसे बडी सफलता ग्वालियर पर विजय थी इसी समय ग्वालियर अंतिम रूप से साम्राज्य में सम्मिलित हुआ।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

इब्राहिम लोदी द्वारा लडे गये युध्द 

  1. 1517 से 1518 के बीच में इब्राहिम लोदी व राणा सांगा के बीच घटोली का युध्द हुआ जिसमें राणा सांगा की विजय हुई।
  2. अप्रैल 1526 ई0 को पानीपत के मैदान में बाबर से युध्द हुआ जिसमें इब्राहिम लोदी की हार हुई

 लोदी वंश के पतन का कारण

पराजय एवं मृत्यु

इब्राहीम के असंतुष्ट सरदारों में पंजाब का शासक ‘दौलत ख़ाँ लोदी’ एवं इब्राहीम लोदी के चाचा ‘आलम ख़ाँ’ ने काबुल के तैमूर वंशी शासक बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए निमंत्रण दिया। बाबर ने यह निमंत्रण स्वीकार कर लिया और वह भारत आया। 21 अप्रैल 1526 को पानीपत के मैदान में इब्राहीम लोदी और बाबर के मध्य हुए भयानक संघर्ष में लोदी की बुरी तरह हार हुई और उसकी हत्या कर दी गई। इब्राहिम लोदी की सबसे बड़ी दुर्बलता उसका हठी स्वभाव था। उसके समय की प्रमुख विशेषता उसका अपने सरदारों से संघर्ष था। इब्राहीम की मृत्यु के साथ ही दिल्ली सल्तनत समाप्त हो गई और बाबर ने भारत में एक नवीन वंश ‘मुग़ल वंश’ की स्थापना की।