स्टडी मटेरियल

सिकन्दर लोदी (1489-1517 ई.)

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यह लोदी वंश का दूसरा शासक था। अपने पिता बहलूल खान लोदी की मृत्यु (जुलाई 17, 1489) के बाद यह सुल्तान बना। इसके सुल्तान बनने में कठिनई का मुख्य कारण था इसका बडा़ भाई, बर्बक शाह, जो तब जौनपुर का राज्यपाल था। उसने भी इस गद्दी पर अपने पिता के सिकंदर के नामांकन के बावजूद, दावा किया था। परंतु सिकंदर ने एक प्रतिनिधि मंडल भेज कर मामला सुलझा लिया और एक बडा़ खून-खराबा बचा लिया। असल में इसने बर्बक शाह को जौनपुर सल्तनत पर राज्य जारी रखने को कहा, एवं अपने चाचा आलम खान से भी विवाद सुलझा लिये, जो कि तख्ता पलट करने की योजना बना रहा था।

सिकंदर एक योग्य शासक सिद्ध हुआ। उसने अपने राज्य को ग्वालियर एवं बिहार तक फैलाया । उसने अल्लाउद्दीन हुसैन शाह एवं उसकी बंगाल के राज्य से संधि कर ली । वह अपने देश के अफगान नवाबों को नियंत्रण में रखने में कामयाब हुआ, एवं अपने राज्य पर्यन्त व्यापार को खूब बढा़वा दिया। सन 1503 में, उसने वर्तमान आगरा शहर की नींव रखी।

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उदार व्यक्ति के रूप में –

शासन व्यवस्था एंव सुधार कार्य –

साम्राज्य विस्तार 

हुसेनशाह शर्की ने बिहार में रहकर जौनपुर पर पुनराधिकार करने के लिए सन् 1494 में आक्रमण किया किन्तु सिकन्दर लोदी ने उसे पराजित किया और उसका पीछा करते पटना जा पहुंचा। वहां उसने बिहार को अपने अधिकार में किया। इसी अभियान के दौरान उसने तिरहुत के शासक को भी अपनी आधीनता स्वीकार करने के लिए बाध्य किया। 

सन् 1502 में सिकदर ने धौलपुर के शासक विनायक देव को पराजित कर धौलपुर अपने राज्य में मिला लिया। ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर पर उसने कई आक्रमण किए परन्तु वह ग्वालियर पर अधिकार करने में असफल रहा। उसने ग्वालियर राज्य के नरवर, मन्दर तथा उतगिर पर अधिकार करने में अवश्य सफलता प्राप्त की।

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राजपूत राज्यों पर नियन्त्रण रखने के लिए उसने बयाना पर अधिकार किया और उसके एक अंग आगरा को अपनी राजधानी के रूप में विकसित किया। सन् 1509 में सिकन्दर ने नागौर के शासक मुहम्मद खाँ को अपनी आधीनता स्वीकार करने के लिए बाध्य किया। सन् 1513 में चन्देरी भी उसके अधिकार में आ गया।

सिकंदर लोदी की मृत्यु-

उसकी मृत्यु से प्रजा को बडा़ आघात लगा, जैसा कि उसके दिल्ली में शानदार मकबरे से भी सिद्ध होता है।गले में बीमारी के कारण सिकंदर लोदी की मृत्यु 21 नवंबर 1517ई. को हो गयी।

सिकंदर लोदी का मकबरा-

सिकंदर के बेटे इब्राहिम लोदी द्वारा लोदी गार्डन में सिकंदर गुम्बद की स्थापना की गई। दिल्ली में  पुराना ओल्ड लेडी वैलिंग्टन पार्क जिसे अब लोदी गार्डन के नाम से जाना जाता है। इसी गार्डन में सैयद और लोदी काल के स्मारक स्थापित किए गए है। इनमें गुम्बद, मस्जिदें और पुल शामिल है। मुहम्मद शाह और सिकंदर लोधी के मकबरे अष्टभुजाकार मकबरे का शानदार उदाहरण है। यह लोदी गार्डन में स्थित है। इस मकबरे का निर्माण  1517-18 ईस्वी में हुआ। इस मकबरे को सिकंदर लोदी मकबरे के नाम से जाना जाता है।

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