स्टडी मटेरियल

सम्राट अशोक (273-232 ई.पू.)

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नोट – बौद्ध ग्रंथों में अशोक के दो पुत्र महेन्द्र व कुणाल तथा दो पुत्रियों संघमित्रा एवं चारूमती का उल्लेख मिलता है।

अशोक का राज्यभिषेक

अशोक का विजय अभियान

अशोक का धार्मिक दृष्टिकोंण

अशोक का धर्म

नोट – अशोक व्यक्तिगत रूप से बौद्ध था परन्तु उसका धम्म बौद्ध धर्म से भिन्न था क्योंकि अशोक चार आर्य – सत्य, अष्टांगिक मार्ग एवं निर्वाण में विश्वास नही करता था। अशोक के धम्म में उपरोक्त बातों के शामिल नहीं किया गया था। अतः अशोक का धम्म एक मानव धर्म था न कि बौद्ध धर्म।

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अशोक के अभिलेख

शिलालेखस्तंभलेखगुहा/गुफा लेख
पत्थर की शिलाओं पर उत्कीर्ण शासनादेशस्तंभों पर उत्कीर्ण शासनादेशगुफाओं में उत्कीर्ण शासनादेश
लिपि – केवल ब्राह्मीलिपि – केवल ब्राह्मी

नोट – शिलालेख एवं स्तंभलेख में कोई विशेष अंतर नहीं है। ये केवल आकार एवं आकृति में भिन्न हैं। शिलालेख बड़े होते थे जबकि स्तंभलेख छोटे। लिपि का भी एक अन्तर है।

अभिलेखों की भाषा – अधिकतर अभिलेख प्राकृत भाषा एवं ब्राह्मी लिपि में हैं। उत्तर पश्चिम के अभिलेखों में खरोष्ठी एवं अरमाइक लिपि का प्रयोग किया गया है।

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नोट – सर्वप्रथम टी पैन्थर नामक विद्वान ने अशोक की लिपि का पता लगाया था एवं सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के लेखों को पढ़ा था।

खरोष्ठी एवं अरमाइक लिपि के शिलालेख

वृहत शिलालेख

अशोक के चौदह वृहत् शिलालेख

  1. पहला शिलालेख – पशुबलि की निन्दा
  2. दूसरा शिलालेख – मनुष्यों एवं पशुओं की चिकित्सा पर चर्चा। समाज कल्याण कार्य
  3. आठवां शिलालेख – सम्राट की धर्म यात्राओं का उल्लेख
  4. नौवां शिलालेख – इसमें जन्म, बीमारी, विवाह के उपरान्त समारोहों की निंदा
  5. ग्यारहवां शिलालेख – धम्म नीति की व्याख्या
  6. बारहवां शिलालेख – सर्वधर्म समभाव एवं स्त्री महामात्र की चर्चा
  7. तेरहवां शिलालेख – कलिंग की लड़ाई एवं विनाश का वर्णन, अशोक के समीपवर्ती राज्यों का वर्ण
  8. चौदहवां शिलालेख – अशोक ने जनता को धार्मिक जीवन बिताने के लिए प्रेरित किया।

अशोक के स्तम्भ लेख

अशोक के लघु शिलालेख

अशोक के उत्तराधिकारी

कुणाल

संप्रति/संपदि

शालिशक/शालिशूक

संप्रति के बाद शालिशक राजा बना।

इसके समय यवनों ने एण्टियोकस के नेतृत्व में हमला किया।

देववर्मा/बृहद्रथ

यह मौर्य वंश का अंतिम शासक था।

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बृहद्रथ के सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने इसकी हत्या कर मौर्य वंश का समापन क शुंग वंश की नींव रखी।