Analog Computer एक ऐसी मशीन है जो आँकड़ों की एक भौतिक मात्रा (दाब, तापमान, लम्बाई, ऊँचाई आदि) को प्रदर्शित करता है, यह आँकड़े सतत (लगातार) बदलते है। इस कम्प्यूटर की कार्य करने की क्षमता तेज होती है।यह परिणाम ग्राफ आदि के रूप में देते है। Analog Computer आँकड़े संगृहीत नही कर सकता है तथा इनका उपयोग तकनीक, विज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों में किया जाता है। उदाहरण – थर्मामीटर।
यह कम्प्यूटर एनालॉग कम्प्यूटर से अलग होता है। एक Computer जो सूचनाओं को अंकीय रूप में प्रदर्शित करता है उसे डिजिटल कम्प्यूटर कहा जाता है। डिजिटल कम्प्यूटर सूचनाओं को अंकीय रूप में दर्शाने के लिए Binary System (0,1) का उपयोग करता है। ये Computer गणीतिय तथा तार्किक कार्य करने में सक्षम होता है। जैसे – Calculator।
ये एनालॉग कम्प्यूटर से गति में कुछ धीमें होते है लेकिन परिणाम में उससे ज्यादा शुद्ध होते है। Digital Computer सूचनाओं को संग्रहित कर सकते है। एक डिजिटल कम्प्यूटर गणना करता है और एनालॉग कम्प्यूटर मापता है।
ये कम्प्यूटर एक एनालॉग कम्प्यूटर तथा एक डिजिटल कम्प्यूटर (दोनों की ) की विशेषताए रखता है अर्थात यह कंप्यूटर एनालॉग एवं डिजिटल का मिश्रित होता है। Hybrid Computer इन दोनो तरह के कम्प्यूटर से अधिक तेज और परिणाम शुद्ध होते है। इन कम्प्यूटरों में डिजिटल कम्प्यूटर एक नियत्रंक होता है तथा अंकिय कार्य करने के लिए होता है। वहीं, एनालॉग कम्प्यूटर समस्या का हल करते है।
इनका उपयोग जटिल गणीतिय समीकरण, वैज्ञानिक गणनाए तथा रक्षा आदि के क्षेत्रों में किया जाता है। Petrol Pump Machine, Speedometer आदि Hybrid Computer के उदाहरण हैं।
सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर एक ऐसा कम्प्यूटर होता है जो कई क्रियाकलापों को कर सकता है। इसके द्वारा शोध पत्र लिखा जा सकता है, अपने घर, कार्यालय का बजट तैयार किया जा सकता है, व्यवसाय की बिक्री का चार्ट आदि कार्य एक ही मशीन द्वारा किया जा सकता है। Desktop, Notebooks आदि सभी सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर है। आज जो कम्प्यूटर उपयोग हो रहे है वे सभी लगभग General Purpose Computer ही होते है।
इस प्रकार के कम्प्यूटर किसी कार्य विशेष को करने के लिए बनाये जाते है। इनका कार्य केवल एक ही तरह के कार्य को करना होता है।
जैसे, परिवहन नियत्रंण करना, मौसम की भविष्यवाणी करना आदि। इस प्रकार के कम्प्यूटर सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर की तुलना में अधिक तेज होते है। लेकिन, ये कम्प्यूटर एक सामान्य उद्देश्य कम्प्यूटर की भाँति भिन्न प्रकार के कार्य नही कर सकते है।
Micro Computer सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला कम्प्यूटर है। यह सभी तरह के कम्प्यूटर से सस्ता एवं वजन में हल्का होता है और आकार में भी सबसे छोटा होता है। इस प्रकार के कम्प्यूटर को मुख्यतः उद्देश्य जैसे, मनोरंजन, शिक्षा, घर तथा कार्यालय में उपयोग आदि के लिए विकसित किया गया है। PCs, Notebooks, Laptops, PDAs (Personal Digital Assistants) आदि Micro Computer के उदाहरण है।
आमतौर पर एक ऐसा कम्प्यूटर जो किसी Network से Connect (जुडा) होता है उसे ही Work Station कहते है। इनको व्यवसाय तथा पेशेवरों को ध्यान में रखकर विकसित किया जाता है। ये कम्प्यूटर Micro Computers से अधिक तेज एवं क्षमतावान होते है।
Mini Computers को Mid range Computer भी कहते है। इनका उपयोग छोटे व्यवसाय तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाता है। मिनि कम्प्यूटर को Single User के लिए विकसित नही किया जाता है। इनको एक कम्पनी के द्वारा अपने एक विभाग विशेष मे किसी विशिष्ट कार्य को करने में उपयोग लिया जाता है।
एक Mainframe Computer सभी कम्प्यूटर से अधिक तेज तथा अधिक क्षमता रखता होता है। इनका इस्तेमाल सरकारी प्रतिष्ठानों, बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा आँकड़ों को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। ये कम्प्यूटर आकार में अत्यधिक बडे होते है।
Super Computer मानव द्वारा निर्मित सबसे तेज और शक्तिशाली कम्प्यूटर है। ये कम्प्यूटर आकार में बहुत बड़े एवं अधिक खर्चीले होते है। इनका उपयोग बड़े संगठनो द्वारा शोध कार्य, मौसम भविष्यवाणी, तकनीक आदि कार्यों में किया जाता है।
Summit Super Computer अब तक का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर हैं। जिसे अमेरीका द्वारा बनाया गया था। भारत ने अपना पहला सुपर कम्प्यूटर PARAM – 8000 सन 1991 में बनाया था। परम कम्प्यूटर भारत सरकार की एक संस्था C-DAC द्वारा विकसित किया था। परम के बाद भारत में बहुत सारे सुपर कम्प्यूटर बन चुके हैं और कई तो Top 500 Super Computers में भी सम्मिलित है।