स्टडी मटेरियल

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।
Get it on Google Play

1. Batch Operating System

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में उपयोग होने वाला प्रथम ऑपरेटिंग सिस्टम Batch Operating System था। इन OS में, end-user और कंप्यूटर के बीच कोई डायरेक्ट इंटरैक्शन नही था। किसी भी इनपुट डेटा को कंप्यूटर में प्रोसेस कराने के लिये उपयोगकर्ता को उसे जॉब (Job) की फॉर्म में बनाना पड़ता था। जॉब का अर्थ है, प्रोग्राम से लेकर इनपुट डेटा और सारे कंट्रोल इन्स्ट्रक्शन जिन्हें पहले ही लिखकर एक बंडल के रूप में बनाया गया हो। इसके बाद उपयोगकर्ता उस जॉब को Punchcard की मदद से इनपुट कर देता था। उस समय इनपुट डिवाइस के रूप में पंचकार्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता था।

Batch Operating System के लाभ :

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

Batch Operating System की कमियां :

2. Multiprogramming System

अगर कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी में एक से अधिक प्रोसेस या प्रोग्राम को निष्पादित करने के लिए रखा जाता है, तो वह Multiprogramming कहलाती है। जब भी कोई प्रोसेस कंप्यूटर में रन होती है, तो उसे CPU के टाइम के अलावा Input/Output टाइम की जरूरत भी होती है, और जब प्रोसेस I/O या कुछ अन्य इवेन्ट करता है, जिसमे CPU की कोई जरूरत नही तो उतना समय CPU Idle बैठने के बजाय एक कॉन्टेक्स्ट स्वीच लेता है, और मुख्य मेमोरी में पड़ी दूसरी प्रोसेस को चलाने लगता है। ऐसा करने से सीपीयू कभी भी खाली नही रहता और बाकी प्रोसेस को भी खत्म होने के लिए इंतजार नही करना पड़ता है।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

Multiprogramming Operating System के लाभ :

Multiprogramming Operating System की कमियां :

3. Multitasking Operating System

मल्टीटास्किंग में एक तरह से Multiprogramming का ही कॉन्सेप्ट है, लेकिन इसके साथ ही इसमे Time Sharing भी होती है। Multitasking Operating System में प्रत्येक प्रोसेस का एक फिक्स्ड टाइम पीरियड पर निष्पादन किया जाता है। उसके बाद CPU मुख्य मेमोरी में पड़ी दूसरी प्रोसेस को निष्पादित करने लग जाता है। ऐसे ही कुछ निर्धारित समय अवधि के बाद सभी प्रोसेस को निष्पादित किया जाता है। सीपीयू की स्वीट्चिंग (Switching) इतनी तेज होती है, कि यूजर भ्रमित हो जाता है। उसे लगता है, कि सभी प्रोसेस एक साथ चल रही है। परंतु ऐसा नही हो सकता क्योंकि सीपीयू एक समय मे एक ही प्रोसेस को चला सकता है। अब क्योंकि Processor इतना शक्तिशाली है, कि वह सभी प्रक्रियाओं को एक साथ संभाल लेता है। इस निश्चित समयावधि को Time Quantum कहा जाता है। इस Operating System को Time Sharing Operating System भी कहते है।

Multitasking Operating System के लाभ:

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

4. Distributed System

जब कई सारे कंप्यूटर किसी नेटवर्क के माध्यम से आपस मे जुड़कर एक दूसरे से टास्क शेयरिंग करते है, तो उसे Distributed System कहा जाता है। ये Operating System कई रियल-टाइम एप्लीकेशन और मल्टीप्ल-यूजर की सेवा के लिए कई सेंट्रल प्रोसेसर का उपयोग किया जाता है। Processor भिन्न-भिन्न प्रकार की Communication Lines का उपयोग करके आपस मे संचार करते है। इन कंप्यूटर के बीच सीपीयू और मेमोरी को छोड़कर बाकी सभी संसाधन सांझा किये जाते है।अतः यह Loosely Coupled System भी कहलाता है। प्रोसेसर को यहां Site, Nodes या Computer आदि के रूप में संदर्भित किया जाता है।

Distributed OS के प्रकार:

  1. क्लाइंट सर्वर सिस्टम
  2. पियर-टू-पियर सिस्टम

Distributed Operating System के लाभ:

Distributed Operating System की कमियां :

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

5. Network Operating System

इन Operating System में एक सर्वर रहता है, जिससे कई दूसरे क्लाइंट कंप्यूटर जुड़े रहते है। Network Operating System इस केंद्रीय सर्वर को बाकी सभी क्लाइंट कंप्यूटरों के डेटा, सिक्योरिटी, एप्लीकेशन और अन्य नेटवर्किंग फंक्शन को मैनेज करता है। इन OS के माध्यम से किसी छोटे प्राइवेट नेटवर्क को अपने नेटवर्क से जुड़े बाकी कम्प्यूटर्स तक फाइल, प्रिंटर, सुरक्षा, एप्लीकेशन और अन्य बाकी नेटवर्किग कार्यो के सांझा पहुंच की अनुमति मिलती है। इसके अतिरिक्त क्लाइंट कंप्यूटर भी नेटवर्क से जुड़े दूसरे कंप्यूटरों के अंतर्निहित कॉन्फ़िगरेशन और उनके इंडिविजुअल कनेक्शन आदि के बारे में अच्छे से जानते है। इसीलिये इसे Tightly Coupled System कहा जाता है।

Network Operating System के लाभ:

Network Operating System की कमियां :

6. Real Time Operating System

इन Operating System में CPU का रिस्पांस टाइम बहुत जरुरी होता है। इस प्रकार के OS रियल-टाइम में कार्य करते है। अर्थात इनपुट को प्रोसेस करने और प्रतिक्रिया देने में कम समय लगता है। यह समय अंतराल प्रतिक्रिया समय (Response Time) कहा जाता है। इन Real-Time Operating System का उपयोग तब होता है, जब समय की महत्वता अत्यधिक होती है। उदाहरण – मिसाइल सिस्टम, जहाँ एक निश्चित समय मे मिसाइल को लॉन्च करना ही होता है।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार :

Hard Real-Time OS – ये Operating System उन एप्लीकेशन में उपयोग किये जाते है, जहाँ समय की बहुत सख्ती हो या प्रतिक्रिया देने में थोड़ी भी देरी स्वीकार नहीं की जाती है। इन्हें ज्यादातर कोमल ऑपरेशन के लिए उपयोग में लिया जाता है। हार्ड रियल-टाइम सिस्टम में सेकेंडरी स्टोरेज का प्रकार बहुत सीमित या गायब होते है , और डेटा को ROM में संग्रहित किया जाता है। इन सिस्टम में Virtual Memory नही पायी जाती है।

Soft Real-Time OS – इनमे हार्ड रियल-टाइम के मुकाबले कम प्रतिबंध होते है। प्रतिक्रिया समय में थोड़ी देरी इसमे स्वीकार्य की जा सकती है।

Real-Time Operating System के लाभ:

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

Real-Time Operating System की कमियां :

7. Time Sharing Operating System

एक Time Sharing Operating System में प्रत्येक प्रोसेस को सम्पादित करने के लिए एक निश्चित समय निर्धारित होता है। अगर एक सिस्टम से अनेक यूजर जुड़े है, तो प्रत्येक उपयोगकर्ता CPU का उपयोग करने के लिए आपस में टाइम शेयरिंग करेंगे। यदि एक यूजर के लिए सीपीयू को उपयोग करने का समय दो सेकंड है, तो सिस्टम स्वतः ही दो सेकंड बाद दूसरे यूजर को उपलब्ध हो जाएगा, यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। इस तरह से उपयोगकर्ता बिना इंतजार के सीपीयू का उपयोग कर पायेंगे। इन Operating System को Multitasking OS भी कहा जाता जाता है

Time Sharing Operating System के लाभ :

Time Sharing Operating System की कमियां :

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

8. Multiprocessing System

अधिकतर कंप्यूटर सिस्टम सिर्फ एक प्रोसेसर या सीपीयू का प्रयोग करते है। किन्तु Multiprocessing Operating System में मल्टीपल Processor का उपयोग किया जाता है। इन सिस्टम के पास पैरेलल में काम करने वाले कई प्रोसेसर होते है, जो कंप्यूटर क्लॉक, मेमोरी, बस और पैरिफेरल डिवाइस इत्यादि को आपस मे सांझा किया जाता है। अर्थात कंप्यूटर में बाकी हार्डवेयर की संख्या एक ही होती है, बस CPU की संख्या बड़ा दी जाती है। ऐसा करने से हम कंप्यूटर में एक समय मे एक से अधिक प्रोसेस को निष्पादित कर पाते है।

मल्टीप्रोसेसिंग सिस्टम के प्रकार :

Symmetric Multiprocessors – इस सिस्टम में प्रत्येक प्रोसेसर Operating System की एक समान कॉपी रखते है। ये प्रोसेसर आपस मे संवाद कर सकते है, और किसी भी प्रोसेस को पूरा करने का इनके पास अधिकार रहता है। अर्थात सभी CPU सहकर्मी के रूप में कार्य करते है, तथा सभी के पास समान अधिकार मौजूद होते है।

Asymmetric Multiprocessors – इसमें मौजूद प्रोसेसर को अलग-अलग टास्क दिए जाते है। इसमे एक मास्टर प्रोसेसर मौजूद होता है, जो बाकी सीपीयू को निर्देश देता है। यह मास्टर स्लेव आर्किटेक्चर सिस्टम भी कहलाता है। उदाहरण – एक प्रोसेसर एप्लीकेशन प्रोग्राम का काम करेगा, और दूसरा I/O devices को संभालेगा, इसी तरह से बाकी प्रोसेसर दूसरी प्रक्रियाओं पर केंद्रित रहेंगे।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

Multiprocessing Operating System के लाभ :

Multiprocessing Operating System की कमियां :