Random Access Memory (RAM) कंप्यूटर में डाटा संग्रहण का एक रूप है। यह एकीकृत परिपथ का रूप धारण करती है जो संग्रहीत डाटा को किसी भी क्रम में अभिगमित होने की अनुमति देता है। शब्द यादृच्छिक इस प्रकार इस तथ्य को संदर्भित करता है कि डाटा का कोई भी हिस्सा अपनी भौतिक स्थिति और चाहे यह डाटा के पिछले हिस्से से संबंधित हो या न हो, इन सबकी परवाह किए बगैर निर्धारित समय में वापस लौट सकता है। यह सिस्टम बस के साथ की आवृति पर कार्य करती है तो SDRAM कहलाती है जो आजकल कम्पयूटरों में सबसे अधिक प्रयोग की जाती है।
RAM की विशेषताएं –
इसमें Data तब तक रहेगा जब तक इस में बिजली आती रहेगी अतः इसको SRAM भी कहा जाता है। ये Chip 6 Transistor इस्तेमाल करता है इसको बार बार Refersh करने की कोई जरुरत नहीं Data स्थिर रहता है। समान size का Data को Store करने के लिए SRAM को DRAM से भी ज्यादा Chips की आवश्यकता होती है। इसलिए SRAM को बनाना कीमत में काफी महंगे होते है। SRAM कों Cache Memory के लिए उपयोग में लिया जाता है।
RAM / SRAM की विशेषताएं –
यह DRAM भी कहलाता है, ये SRAM के ठीक उल्टा कार्य करती है। इसको बार बार refresh करने की जरुरत होती है, अगर Data को लम्बे समय तक रखना है तो इसके लिए इस Memory को एक refresh CIRCUIT के साथ जोड़ा जाता है। अधिकाशतः इस DRAM का प्रयोग System Memory को बनाने में किया जाता है। DRAM का निर्माण एक Capacitor और एक Transistor से किया जाता है।
DRAM की विशेषताएं –
रोम एक इलेक्ट्रिकल स्टोरेज मेमोरी होती है जिसमें स्टोर डाटा को केवल पढ़ा जा सकता है। ये मेमोरी कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर इलेक्ट्रिक चिप के रूप में होती है। जिसमे संग्राहित डाटा स्थाई रूप से स्टोर होता है। रोम में सभी जरुरी डाटा व प्रोग्राम को कंप्यूटर निर्माण के समय ही डाला जाता है। जिसे बाद में बदलना बहुत मुश्किल होता है।
ये एक Non-Volatile प्रकार की Memory होती है। जब कंप्यूटर की पॉवर सप्लाई बंद हो जाती है उस समय रोम में स्टोर डेटा नष्ट नहीं होता और इसलिए रोम में कंप्यूटर को शुरू करने वाले सभी सहायक प्रोग्राम का संग्रहण किया जाता है। जो कंप्यूटर बूटिंग प्रक्रिया में सहायक होते है।
रोम मेमोरी में डेटा को स्टोर करने के लिए Diode और Integrated Circuit (I.C) लगे होते है। रोम कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और प्रोसेसर को BIOS (Basic Input Output System) के साथ जोड़ने का कार्य करता है। जिसकी सहायता से कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट निर्देशो का संचार हो पाता है।
रोम (ROM) की विशेषताएँ –
MROM को “Mask Read Only Memory” कहा जाता है। इसका प्रयोग पुराने कंप्यूटर में होता था और आज के कंप्यूटर में इस मेमोरी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसमें स्टोर किए डाटा को कभी डिलीट या परिवर्तित नहीं जा सकता है। ये एक स्थायी मेमोरी होती है।
MROM में डेटा को स्टोर करने के लिए कुछ Semiconductor Integrated Circuit का प्रयोग किया जाता था। कंप्यूटर में किसी भी डाटा को स्थायी रूप से रखने के लिए MROM का उपयोग किया जाता है और इस मेमोरी की कीमत बहुत कम कीमत होती है।
PROM को Programmable Read Only Memory कहा जाता है। इस मेमोरी मे भी डाटा को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है। इसको One Time Program (OTP) मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि इस मेमोरी में डेटा को केवल एक बार ही स्टोर किया जा सकता है जिसे बाद उसे कभी मिटाया नहीं जा सकता।
अन्य रोम मेमोरी की तरह निर्माण के समय ही इसमें डाटा को स्टोर नहीं किया जाता। कोई भी उपयोगकर्ता बाद में इसमें डेटा स्टोर कर सकता है। इसमें डेटा रखने के लिए PROM Burner नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस मेमोरी चिप में सैकड़ों छोटे-छोटे Fuse व Diode होते है। जिनमे प्रोग्रामिंग की सहायता से Data स्टोर किया जाता है। इस प्रोग्रामिंग के माध्यम को Burner कहा जाता है।
EPROM जिसे Erasable Programmable Read Only Memory भी कहा जाता है। इस मेमोरी में डेटा को पढ़ा (Read) व लिखा (Write) भी जा सकता है। EPROM में स्टोर डेटा परमानेंट नहीं होता अल्ट्रा वॉइलेट किरणों की सहायता से इसमें स्टोर Data को मिटाया जा सकता है। इसलिए इसको Reprogrammable Memory भी कहते है।
इस मेमोरी पर एक काँच की खिड़की होती है। जिस पर निश्चित समय के लिए अल्ट्रा वॉइलेट किरणों को डालने पर इस में स्टोर डेटा को मिटाया जा सकता है और बाद में मिटाये हुये डेटा की जगह पर नया डेटा स्टोर किया जा सकता है। यहाँ एक सस्ती व अच्छी मेमोरी है। परन्तु अल्ट्रा वॉइलेट किरण डाटा पर डालने से चिप में स्टोर पूरा डाटा मिट जाता है तथा इस प्रक्रिया को करने में बहुत अधिक बिजली व समय लगता है।
EEPROM को Electrically Erasable Programmable Read Only Memory भी कहा जाता है। इसमे डाटा को बहुत सरलता से स्थाई रूप में स्टोर किया जा सकता है और उसमे परिवर्तन भी किया जा सकता है।
इस मेमोरी में डेटा को पढ़ा और लिखा जा सकता है। इसमें डेटा को इलेक्ट्रिकल संकेत के द्वारा हटाया व बदला जा सकता है। इस प्रकार की मेमोरी का प्रयोग मोबाइल फ़ोन, कैमरा इत्यादि में होता है। EEPROM को Hybrid Memory भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें डेटा को Read करने के साथ साथ इलेक्ट्रिक संकेत के माध्यम से डाटा को Write भी किया जा सकता है। इस रोम मेमोरी को प्रोग्राम करना आसान है। इसे अनेक बार Reprogram किया जा सकता है।