लवक पादप कोशिकाओं के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले गोल या अंडाकार रचना हैं, इनमें पादपों के लिए महत्त्वपूर्ण रसायनों का निर्माण होता है। क्लोरोप्लास्ट नामक हरे रंग के लवक में जीव जगत की सबसे महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रिया प्रकाश-संश्लेषण होती है। हरे रंग को छोड़कर अन्य रंगों वाले लवकों को क्रोमोप्लास्ट कहते हैं, इनसे ही फूलों एवं फलों को रंग प्राप्त होता है। रंगहीन लवकों को लिउकोप्लास्ट कहते हैं जिनका मुख्य कार्य भोजन संग्रह में मदद करना है। आकृति यह अंडाकार गोलाकार तन्तु जैसी होता है जो पूरे कोशिका द्रव्य मे फैले रहता है जो दो पर्टो से घिरा रहता है। इसके भीतर पाए जाने वाले खाली स्थान को stroma कहते है जो एक तरल पदार्थ से भरा रहता है जिसे matrix कहाँ जाता है।
प्लास्टिड्स तीन प्रकार के होते हैं
ये रंगहीन लवक (Colorless Plastid) होते है जो सूर्य के प्रकाश से दूर पौधों के अंधेरे हिस्से (Dark side) में पाए जाते हैं। ल्यूकोप्लास्ट खाद्य सामग्री का भंडारण (store) करते हैं। ये मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –
एमाइलोप्लास्ट (Amyloplast):- ये मंड यानि स्टार्च का भण्डारण (store) करते है। यह आलू कंद, गेहूँ, चावल आदि में होता है।
एलिओप्लास्ट (Elaioplast):- ये वसा का संग्रहण (store) करता है यह बीज के भूर्णपोष (endosperms of seed ) में पाया जाता है। इनको ओलियोसोम (Oleosomes)भी कहा जाता है।
एल्युरोप्लास्ट (Aleuroplast):- यह प्रोटीन का भण्डारण (store) करते है। यह फलियों के बीज के भूर्णपोष (endosperms) में पाया जाता है। इनको प्रोटीनोप्लास्ट (Proteinoplasts) के रूप में भी जाना जाता है।
ये रंगीन लवक (Colorled Plastid) है। इसमें ज़ैंथोफिल और कैरोटीन (लाल-नारंगी रंग में) वर्णक (Pigments) होता है। मिर्च या टमाटर के हरे से लाल रंग में परिवर्तन क्लोरोप्लास्ट का क्रोमोप्लास्ट में बदलने के कारण होता है जिसमें लाइकोपीन वर्णक होता है।
शब्द “क्लोरोप्लास्ट” शिम्पर (Schimpe) द्वारा प्रस्तावित किया गया। इनमें क्लोरोफिल, ज़ैंथोफिल और कैरोटीन आदि वर्णक पाये जाते है। ये प्रकाश संश्लेषण में भाग लेता है। यह सामान्यतया पादपों की पर्णमध्योतक (mesophyll) कोशिकाओं में पायी जाती है। अधिकांश शैवाल कोशिकाओं (क्लैमाइडोमोनास) में एक क्लोरोप्लास्ट और उच्च पौधों में 20-40 क्लोरोप्लास्ट होते हैं। अलग-अलग कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट अलग-अलग आकार के होते है जैसे –
लवक की संरचना में निम्न घटक होते है-
ये फॉस्फोलिपिड्स के द्वारा बनी होती है। इनमें पोरीन प्रोटीन पाये जाते है।
यह बाहरी तथा आन्तरिक दोनों झिल्लियों के बीच पाया जाता है।
यह फॉस्फोलिपिड से बनी होती है। इसकी मोटाई भी लगभग 25-70 Å है।
आन्तरिक झिल्ली से घिरा आन्तरिक भाग पीठिका (Stroma) कहलाता है।