स्टडी मटेरियल

न्यूट्रॉन (Neutron)

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न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण होता है जो प्रत्येक पदार्थों के परमाणु के नाभिक में उपस्थित होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनों एक साथ होकर परमाणु के नाभिक बनाते हैं। न्यूट्रॉन एक विद्युत उदासीन कण है जिसका द्रव्यमान 1.67493 × 10−27 kg होता है, जो कि इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान से 1,839 गुना अधिक है। न्यूट्रॉन पूरी तरह से एक मुख्य कण नही है बल्कि यह और भी छोटे अस्थाई सूक्ष्म कणों के द्वारा बनाहोता है जिन्हे क्वॉर्क कहा जाता हैं। न्यूट्रॉन का निर्माण तीन क्वॉर्क से मिलकर होता है, जिसमे एक अप क्वॉर्क तथा दो डाउन क्वॉर्क होते हैं।

न्यूट्रॉन की परमाणु के नाभिक उपस्थिति स्थाई रूप से होती है। किन्तु स्वच्छ रूप से अपने आप में यह स्थाई कण नहीं है। जब न्यूट्रॉन नाभिक में मौजूद ना होकर खुले में उपस्थित होता है तब इसका रेडियोएक्टिव क्षय होना शुरू हो जाता है। न्यूट्रॉन रेडियोएक्टिव क्षय के परिणामस्वरूप एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक एंटीन्यूट्रिनो में टूट जाता है। न्यूट्रॉन के रेडियोएक्टिव क्षय की अर्ध आयु 614 सेकंड होती है।

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न्यूट्रॉन की खोज –

न्यूट्रॉन की खोज सन् 1932 में सर जेम्स चैडविक (James Chadwick) नामक ब्रिटेन के भौतिक शास्त्री ने की। उन्होंने अपने प्रयोगों के आधार पर यह सिद्ध किया कि परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन (neutron) नामक उदासीन (neutral) कण होते हैं।

सन 1920 में कई प्रयोगों के आधार पर रदरफोर्ड ने भी परमाणु के नाभिक में एक ऐसे कण के होने की संभावना बताई, जिसका द्रव्यमान लगभग प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर हो तथा वह विद्युत आवेश रहित उदासीन कण हो और अंततः जेम्स चेडविक ने अपने प्रयोग द्वारा 1931 में परमाणु के नाभिक में इस कण की खोज कर ली और और उन्होंने इसे न्यूट्रॉन नाम दिया।

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