जन्तु एवं पादप कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अत्यंत सूक्ष्म, शाखित, झिल्लीदार, अनियमित नलिकाओं का घना जाल होता है। इस जालिका को अन्तःप्रद्रव्यी जालिका कहते हैं। यह लाइपोप्रोटीन की बनी होती है और कोशिकाओं में समानान्तर नलिकाओं के रूप में फैली रहती है। कोशिकाओं में इनका विस्तार कभी-कभी केन्द्रक की बाह्य झिल्ली से प्लाज्मा झिल्ली तक होता है। अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (ER) दो प्रकार की होती है –
इस प्रकार की अन्तःप्रद्रव्यी जालिका की झिल्ली चिकनी होती है। इसकी सतह पर राइबोसोम नहीं पाये जाते हैं। ये लिपिड स्राव के लिए उत्तरदायी होते हैं।
इस प्रकार की अन्तःप्रद्रव्यी जालिका की बाहरी झिल्ली के ऊपर छोटे-छोटे कण पाये जाते हैं जिन्हें राइबोसोम (Ribosome) कहते हैं। ये प्रोटीन संश्लेषण के लिए उत्तरदायी होते हैं।
अन्तःप्रद्रव्यी जालिका अन्तः कोशिकीय परिवहन तंत्र का निर्माण करती है। चिकनी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका वसा एवं कोलेस्ट्रॉल संश्लेषण में भाग लेती है। खुरदरी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (RER) प्रोटीन संशलेषण में मदद करते हैं। अन्तःप्रद्रव्यी जालिका केन्द्रक से कोशिकाद्रव्य में आनुवंशिक पदार्थों को जाने का पथ बनाती है।
यह कोशिका द्रव्य को यांत्रिक सहारा प्रदान करती है। यह कोशिका विभाजन के समय कोशिका प्लेट (Cell plate) एवं केन्द्रक झिल्ली के निर्माण में भाग लेती है। इसके कारण ही कोशिका का सतही क्षेत्र (surface area) काफी बढ़ जाता है।