इसको पहली बार तंत्रिका कोशिका में केन्द्रक के पास कैमिलो गॉल्जी (Camillo Golgi) ने देखा। उनके नाम पर इस संरचना को गॉल्जी काय का नाम दिया गया।
गॉल्जीकाय बहुरूपिय होती है, अर्थात अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में इसकी संरचना भी अलग-अलग होती है। केवल इसी कोशिकांग में निश्चित ध्रुवीयता पायी जाती है।
बेकर द्वारा इसे “सूडान ब्लैक अभिरंजक” से अभिरंजित किया और इसे अनेक स्राव से संबंधित होना बताया। इसलिए इसको बेकर की बॉडी (baker’s body) भी कहते है।
गॉल्जी काय के अन्य नाम गॉल्जी सम्मिश्र (Golgi complex), गॉल्जीओसोम (Golgiosome), गॉल्जी बॉडीज (Golgi bodies), गॉल्जी उपकरण (Golgi apparatus), डाल्टन सम्मिश्र (Dalton complex), लिपोकोन्ड्रिया (Lipochondria), डिक्टायोसोम (Dictyosome), ट्रोफोस्पोन्जियम (Trophospongium), बेकर की बॉडी (baker’s body), इडियोसोम (Idiosome) है।
इसकी संरचना में निम्न घटक दिखाई देते हैं-
ये झिल्लीनुमा घुमावदार चपटी संरचना होते है ये एक-दूसरे के समानांतर व्यवस्थित होती है। सामान्यतया इनकी संख्या 6-8 होती है। लेकिन गोल्जी काय में इनकी संख्याँ में विभिन्नता पायी जाती है। (कीट में सिस्टर्नी की संख्याँ 30 तक)।
गॉल्जी काय की सिस्टर्नी में चार संरचनात्मक घटक होते हैं-
ये छोटी, शाखित, नलिकाकार संरचना होती है। ये शाखाओं के द्वारा आपस में जुड़ी होती है। ये सिस्टर्न के किनारों पर बनती है।
ये छोटी तथा थैली जैसी संरचना है इनका निर्माण नलिकाओं द्वारा होता हैं। पुटीकाएँ निम्न प्रकार की होती है : –
गॉल्जी काय अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) के साथ मिलकर काम करता है। जब अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) में कोई प्रोटीन बनाया जाता है, तो एक संक्रमण पुटिकाओं का निर्माण होता है। जिसमें प्रोटीन भरा होता है। यह पुटिका या थैली कोशिका द्रव्य के माध्यम से गॉल्जी तंत्र में प्रवेश होती है, तथा अवशोषित हो जाती है।
गॉल्जी उपकरण में संक्रमण पुटीकाओं के अवशोषित होने केपश्चात, स्रावी पुटिकाएँ बनाई जाती है जिनको कोशिका द्रव्य में छोड़ दिया जाता है। जहाँ से ये पुटिकाएँ कोशिका झिल्ली तक जाती है, और पुटिका या थैली में उपस्थित अणुओं को कोशिका से बाहर निकाल दिए जाते है।
ये पुटीकाएँ कोशिका के अन्दर ही विभिन्न प्रकार के उत्पादों के यातायात में सहायता करता हैं।
गॉल्जी काय केन्द्रक की ओर का भाग सिस भाग या निर्माण भाग (cis or forming face) कहलाता है कोशिका झिल्ली को ओर का भाग ट्रांस भाग या परिपक्व भाग (trans or maturing face) कहलाता है।
ER से बनने वाले प्रोटीन सिस भाग से गॉल्जी काय में प्रवेश करते है जिनकी पैकेजिंग करके ट्रांस भाग से पुटीकाओं को रूप में निकाला जाता है तथा इस प्रोटीन को आवश्यक भाग में भेजा जाता है
गॉल्जी तंत्र अपने सिस भाग के माध्यम से एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम से विभिन्न पदार्थ प्राप्त करता है।
इन पदार्थों को रासायनिक रूप से एंजाइम ग्लाइकोसल ट्रांसफ़ेज़ (Glycosyl transferease) द्वारा संशोधित किया जाता है। जिसे प्रोटीन और लिपिड का ग्लाइकोसिलेशन (Glycosylation) कहते है।
सभी स्रावी प्रोटीन को सबसे पहले गॉल्जीकाय में ले जाया जाता है। फिर गॉल्जीकाय इनको अपने गंतव्य स्थानों जैसे लाइसोसोम, प्लाज्मा झिल्ली तक भेजता है।
लाइसोसोम गॉल्जी काय के परिपक्व भाग (maturing face) द्वारा निर्मित होते हैं, जो एसिड फॉस्फेट से भरपूर होता है।
गॉल्जी कॉम्प्लेक्स प्रोटीन का में ओ-लिंक्ड ग्लाइकोसिलेशन (O-linked glycosylation) होता है। जिसमें आमतौर पर प्रोटीन के थ्रेओनीन और सेरीन एमिनो अम्ल के साथ ग्लूकोज को जोड़ा जाता है।
पौधों में गॉल्जी काय पौधों की कोशिका भित्ति में काम आने वाले के जटिल पॉलीसेकेराइड को संश्लेषित करता हैं।
गॉल्जी काय में रूपांतरण से शुक्राणु का एक्रॉसोम बनता है।
पादप कोशिका विभाजन के दौरान फ्रेग्मोप्लास्ट का गठन गॉल्जी काय की पुटिकाओं के संलयन से होता है।
गॉल्जी काय अंडे के कोर्टिकल कणिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
गॉल्जी काय विभिन्न प्रकार के प्रोटीन या अन्य अणुओं को पुटीकाओं के माध्यम से आवश्यक स्थानों तक पहुँचाता है इसलिए इसको कोशिका के अणुओं के यातायात का निर्देशक (director of macromolecular traffic in cell), कोशिका का मध्यवर्ती (middle man of cell) या कोशिका का ट्रैफिक पुलिस (traffic police of cell) कहा जाता है।
गॉल्जी काय के चारों ओर कोशिका द्रव्य के विभिन्न कोशिकांग जैसे राइबोसोम, माइटोकॉन्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट आदि दुर्लभ या अनुपस्थित होते हैं। इसे बहिष्करण का क्षेत्र (Zone of exclusion) कहते है।