स्टडी मटेरियल

माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria)

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इसकी खोज 1890 ई. में अल्टमेन (Altman) नामक वैज्ञानिक ने की थी। यह कोशिकाद्रव्य में पायी जाने वाली बहुत महत्वपूर्ण रचना है जो कोशिकाद्रव्य में बिखरी रहती है। अल्टमेन ने इसे बायोब्लास्ट तथा बेण्डा ने माइटोकॉण्डिया कहा। इसका आकार (size) और आकृति (shape) परविर्तनशील होता है। यह कोशिकाद्रव्य में कणों (Chondriomits), सूत्रों (Filament), छड़ों (Chondriconts) और गोलकों (Chondriospheres) के रूप में बिखरा रहता है। प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिया एक बाहरी झिल्ली एवं एक अन्तः झिल्ली से चारों ओर घिरी रहती है तथा इसके बीच में एक तरलयुक्त गुहा होती है, जिसे माइटोकॉण्ड्रियल गुहा (Mitochondrial cavity) कहते हैं।

माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या (Number of Mitochondria)

माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना (Structure of Mitochondria)

माइटोकॉन्ड्रिया एक दोहरी झिल्ली आबंध संरचना है, जिसमें निम्न घटक होते हैं-

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बाहरी झिल्ली (Outer membrane)

बाहरी झिल्ली की सतह पर वृंतविहीन कण पाये जाते है, जिनसे पार्सन की उपइकाई (subunits of parson) कहा जाता है।

भीतरी झिल्ली (Inner membrane)

यह माइटोकॉन्ड्रिया की आंतरिक झिल्ली है जिस पर ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन के एंजाइम पाए जाते है इस झिल्ली पर एटीपी संश्लेषण की प्रक्रिया होती है।

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भीतरी झिल्ली (Inner membrane) की बाहरी सतह को सी-फेस (C-Face) तथा आंतरिक सतह को एम-फेस (M – Face) कहा जाता है।

क्रिस्टी (Cristae)

आंतरिक झिल्ली में कई उभार (projection) होते हैं जिन्हें क्रिस्टी (Cristae) कहा जाता है।

क्रिस्टी में टेनिस के रेकेट के समान संरचना होती हैं। जिन्हें F2 कण या ऑक्सीसोम या आंतरिक झिल्लिका उपइकाई (inner membrane subunit) कहा जाता है। ऑक्सीसोम एटीपीस एंजाइम होते हैं जो ऑक्सीडेटिव फास्फोरिलीकरण में भाग लेता हैं।

ऑक्सीसोम का निर्माण दो कारकों F0 तथा F1 के द्वारा होता है। F0 कण ऑक्सीसोम के आधार पर होता है। जो आंतरिक झिल्ली के साथ F1 कण के जुड़ने में मदद करता है और F0 F1 कण  को OSCP (oligomycin sensitivity conferring protein) कहा जाता है। दो ऑक्सीसम के बीच की दूरी 100Å होती  है।

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आधात्री (Matrix)

माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए (Mitochondrial DNA)

माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य

इसमें कोशिकीय श्वसन (Cellular respiration) होता है।

इसमें एटीपी का संश्लेषण (ATP production), एटीपी का भंडारण (ATP storage) और परिवहन (transport) होता है। ये तीनों कार्य माइटोकॉन्ड्रिया में होने के कारण इसको कोशिका का शक्ति गृह  (Power house of the cell) कहा जाता है।

न्यूरॉन्स में पाए जाने वाले माइटोकॉन्ड्रिया न्यूरोहोर्मोन के निर्माण में मदद करते हैं।

विटललोजेनेसिस (Vitellogenesis) के दौरान माइटोकॉन्ड्रिया में mitochondrial kinase एंजाइम पीतक (Yolk) को घना और अघुलनशील बनाता है।

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