जो मोक्ष चाहता हो -> मुमुक्षु
 जो स्मरण रखने योग्य है -> स्मरणीय
 जो पांचाल देश की है  -> पांचाली
 जो किसी का पक्ष न ले -> निष्पक्ष
 जो यान (सवारी) जल में चलता है -> जलयान
 जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है -> लौहपुरुष
 जो खाया न जा सके -> अखाद्य
 जो सबके आगे रहता हो -> अग्रणी
 जो नेत्रों से दिखाई न दे -> अगोचर
 जो खाली न जाय -> अचूक
 जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके -> अच्युत
 जो छूने योग्य न हो -> अछूत
 जो छुआ न गया हो -> अछूता
 जो बूढा न हो -> अजर
 जो न जाना गया हो -> अज्ञात
 जो अपनी बात से न टले -> अटल
 जो अपनी जगह से न डिगे -> अडिग
 जो सबके मन की जनता हो -> अंतर्यामी
 जो बीत गया है -> अतीत
 जो दबाया न जा सके -> अदम्य
 जो देखा न जा सके -> अदृश्य
 जो देखने योग्य न हो -> अदर्शनीय
 जो पहले न देखा गया हो -> अदृष्टपूर्व
 जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो -> अध्यादेश
 जो परीक्षा में परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो -> अनुत्तीर्ण
 जो मापा न जा सके -> अपरिमेय
 जो आँखों के सामने न हो -> अप्रत्यक्ष/परोक्ष
 जो पूरा या भरा हुआ न हो -> अपूर्ण
 जो किसी की ओर मुँह किये हुए हो -> अभिमुख
 जो कभी मृत्यु को प्राप्त न हो -> अमर
 जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले -> अरसिक
 जो इस लोक का न हो -> अलौकिक
 जो साधा (ठीक किया) न जा सके -> असाध्य
 जो शोक करने योग्य नहीं है -> अशोच्य
 जो स्त्री (ऐसी पर्दानशीन है कि) सूर्य को भी न देख सके -> असूर्यम्पश्या
 जो विधान या नियम के विरुद्ध हो -> असंवैधानिक
 जो पहले कभी न हुआ हो -> अभूतपूर्व
 जो सदा से चलता आ रहा है -> अनवरत
 जो आगे की न सोचता हो -> अदूरदर्शी
 जो समय पर न हो -> असामयिक
 जो दिया न जा सके -> अदेय
 जो मानव के योग्य न हो -> अमानुषिक
 जो हिसाब-किताब की जाँच करता हो -> अंकेक्षक
 जो पहले कभी घटित न हुआ हो -> अघटित
 जो पहले कभी नहीं सुना गया -> अश्रुतपूर्व
 जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो -> आदण्डपात
 जो आलोचना के योग्य हो -> आलोच्य
 जो इंद्रियों के ज्ञान के बाहर है -> इंद्रियातीत
 जो छाती के बल चलता हो -> उदग (सर्प
 जो धरती फोड़ कर जनमता है -> उदभिज
 जो उद्धार करता है -> उद्धारक
 जो किसी नियम को न माने -> उच्छृंखल
 जो भूमि उपजाऊ हो -> उर्वरा
 जो दिन में एक बार भोजन करता है -> एकाहारी
 जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो -> ऐच्छिक
 जो कान को कटु लगे -> कर्णकटु
 जो कटु बोलता है -> कटुभाषी
 जो कष्ट को सहन कर सके -> कष्टसहिष्णु
 जो काम से जी चुराता है -> कामचोर
 जो कर्तव्य से च्युत हो गया है -> कर्तव्यच्युत
 जो पुरुष कविता रचता है -> कवि
 जो स्त्री कविता रचती है -> कवियित्री
 जो कल्पना से परे हो -> कल्पनातीत
 जो केन्द्र की ओर उन्मुख होता हो -> केन्द्राभिमुख
 जो सदैव हाथ में खड्ग लिए रहता हो -> खड़गहस्त
 जो गाँव से सम्बन्धित हो -> ग्रामीण
 जो कठिनाइयों से पचता है -> गरिष्ठ/गुरुपक
 जो गिरि (पहाड़) को धारण करता हो -> गिरधारी
 जो छिपाने योग्य हो -> गोपनीय
 जो चक्र धारण करता हो -> चक्रधारी/चक्रधर
 जो चंद्र धारण करता हो -> चंद्रधारी
 जो चिरकाल तक बना रहे -> चिरस्थायी
 जो चर्चा का विषय हो -> चर्चित
 जो अपने स्थान से डिग गया हो -> च्युत
 जो जरायु (गर्भ की थैली) से जनमता है -> जरायुज
 जो यान जल में चलता हो -> जलयान
 जो तर्क योग्य हो -> तार्किक
 जो तर्क के आधार पर सही सिद्ध हो -> तर्कसंगत
 जो तीन गुणों (सत्व, रज, व तम) से परे हो -> त्रिगुणातीत
 जो दर्शन-शास्त्र का ज्ञाता हो -> दार्शनिक
 जो द्वार का पालन (रक्षा) करता है -> द्वारपाल
 जो मुश्किल से प्राप्त हो -> दुष्प्राप्य
 जो विलंब या टालमटोल से काम करे -> दीर्घसूत्री
 जो वस्तु दूसरे के यहाँ रखी हो -> धरोहर
 जो एक अक्षर भी न जानता हो -> निरक्षर
 जो तेजहीन हो -> निस्तेज
 जो अपने लाभ या स्वार्थ का ध्यान न रखता हो -> निःस्वार्थ
 जो कामना रहित हो -> निष्काम
 जो चिन्ता से रहित हो -> निश्चिंत
 जो उत्तर न दे सके -> निरुत्तर
 जो न्याय जनता हो -> नैयायिक
 जो अति (बहुत) लघु (छोटा) नहीं है -> नातिलघु
 जो अति (बहुत) दीर्घ (बड़ा) नहीं है -> नातिदीर्घ
 जो नृत्य करता है -> नृत्यकार/नर्तक
 जो नीचे लिखा गया है -> निम्नलिखित
 जो दृष्टि के क्षेत्र से परे हो -> परोक्ष
 जो परायों का अर्थ (हित) चाहता है -> परमार्थी
 जो अपने पथ से भटक गया हो -> पथभ्रष्ट
 जो दूसरों का भला चाहने वाला हो -> परार्थी
 जो दूसरों का उपकार करने वाला हो) -> परोपकारी
 जो पृथ्वी से सम्बन्धित हो -> पार्थिव
 जो पिंड से जनमता है -> पिंडज
 जो उक्ति बार-बार कही जाय -> पुनरुक्ति
 जो किसी का प्रतिनिधित्व (किसी की जगह काम) करता है -> प्रतिनिधि
 जो शीघ्र किसी बात या युक्ति को सोच ले -> प्रत्युत्पन्नमति
 जो प्रणाम करने योग्य हो -> प्रणम्य
 जो मुकदमे का प्रतिवाद करे -> प्रतिवादी
 जो पहरा देने वाला हो -> प्रहरी
 जो पूछने योग्य हो -> प्रष्टव्य
 जो प्रिय बोलता हो -> प्रियवादी
 जो दूसरे के अधीन हो -> पराधीन
 जो प्रशंसा के योग्य हो -> प्रशंसनीय
 जो अपने मातृभूमि छोड़ विदेश में रहता हो -> प्रवासी
 जो केवल फल खाकर निर्वाह करता हो -> फलाहारी
 जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके -> बुद्धिजीवी
 जो भाग्य की धनी हो -> भाग्यवान
 जो भू धारण करता है -> भूतेश
 जो पृथ्वी के गर्भ (भीतर) के हाल/शास्त्र जानता हो -> भूगर्भवेत्ता/भूगर्भशास्त्री
 जो पूर्व में था या हुआ पर अभी नही है  -> भूतपूर्व
 जो मछली का आहार करता है -> मत्स्याहारी
 जो हाथों से मुक्त है अर्थात अधिक देने वाला -> मुक्तहस्त
 जो एक स्थान पर टिक कर नहीं रहता -> यायावर
 जो युद्ध में स्थिर रहता है -> युधिष्ठिर
 जो क्रम के अनुसार हो -> यथाक्रम
 जो रंग (नाट्य) का मंच (स्टेज) है -> रंगमंच
 जो रथ पर सवार है -> रथी
 जो राज्य या राजा से द्रोह करे -> राजद्रोही
 जो राजनीति जानता है -> राजनीतिज्ञ
 जो भूमि का हिसाब-किताब रखता हो -> लेखपाल
 जो आसानी से पचता हो -> लघुपाक
 जो वर्णन के बाहर हो -> वर्णनातीत
 जो पूर्ण रूप से बहरा हो -> वज्रबधिर
 जो मुकदमा दायर करता है -> वादी /मुदई
 जो कोई वस्तु वहन करता है -> वाहक
 जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो -> विधर्मी
 जो विश्व भर का बंधु है -> विश्वबंधु
 जो विषयों में आसक्त्त है -> विषयासक्त
 जो विषय विचार में आ सकता है -> विचारगम्य
 जो विश्वास करने योग्य हो -> विश्वसनीय
 जो विश्व का हित चाहता है -> विश्वहितैषी
 जो व्याख्या करता हो -> व्याख्याता
 जो शक्ति का उपासक हो -> शाक्त
 जो अन्न और साग-सब्जी खाता हो -> शाकाहारी
 जो तेज चलता हो -> शीघ्रगामी
 जो सुनने योग्य हो -> श्रोतव्य/श्रवणीय
 जो सुनने में मधुर हो -> श्रुतिमधुर
 जो संगीत जनता हो -> संगीतज्ञ
 जो सबको एकसमान देखता है -> समदर्शी
 जो किसी सभा का सदस्य हो -> सभासद
 जो सबको प्यारा है -> सर्वप्रिय
 जो सव्य (बायें हाथ से हथियार आदि चलाने में) सध हुआ हो -> सव्यसाची
 जो नाटक का सूत्र धारण (संचालन) करता है -> सूत्रधार
 जो दया के साथ (दयालु) है -> सदय
 जो सरलता से बोध्य (समझने योग्य) हो -> सुबोध
 जो सर्वशक्तिसंपन्न है -> सर्वशक्तिमान
 जो स्मरण करने योग्य है -> स्मरणीय
 जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का हो -> स्त्रैण
 जो स्वयं ही सिद्ध (ठीक) हो -> स्वयंसिद्ध
 जो दूसरे की हत्या करता है -> हत्यारा
 जिसके पाणि (हाथ) में चक्र है -> चक्रपाणि (विष्णु)
 जिसके पाणि में वज्र है ->  वज्रपाणि (इन्द्र) 
 जिसके पाणि में वीणा है ->  वीणापाणि (सरस्वती) 
 जिसके आने की तिथि (मालूम) न हो -> अतिथि
 जिसके शेखर पर चन्द्र हो ->  चन्द्रशेखर (शिव) 
 जिसके पार देखा जा सके -> पारदर्शक
 जिसके पार देखा न जा सके -> आपारदर्शक
 जिसके भीतर का तापमान समान स्थिति में रहे -> वातानुकूलित
 जिसके हृदय में ममता नहीं है -> निर्मम
 जिसके हृदय में दया नहीं है -> निर्दय
 जिसके कुल का पता ज्ञात न हो -> अज्ञातकुल
 जिसके चूड़ा पर चन्द्र रहे -> चन्द्रचूड़
 जिसके हाथ में चक्र हो -> चक्रपाणि
 जिसके विषय में उल्लेख करना आवश्यक हो -> उल्लेखनीय
 जिसके पास करोड़ों रूपये हों -> करोड़पति
 जिसके लम्बे-लम्बे बिखरे बाल हों -> झबरा
 जिसके हृदय में ममता न हो -> निर्मम
 जिसके हृदय में दया न हो -> निर्दय
 जिसके बिना कार्य न चल सके -> अपरिहार्य
 जिसके विषय में विवाद हो -> विवादास्पद
 जिसके नख सूप के समान हो -> शूर्पणखा
 जिसके हाथ में शूल हो -> शूलपाणि) (शिव
 जिसके पास शक्ति न हो -> निर्बल
 जिसके हृदय में पाप न हो -> निष्पाप
 जिसके बारे में मतभेद न हो -> निर्विवाद
 जिसके पास कोई रोजगार न हो -> बेरोजगार
 जिसके लोचन (आँखें) सुंदर हों -> सुलोचन
 जिसके भीतर की हवा का तापमान सम स्थिति में रखा गया हो -> वातानुकूलित
 जिसके चार पद है -> चतुष्पद
 जिसके आने की तिथि न हो -> अतिथि
 जिसके दो पद (पैर) हैं -> द्विपद
 जिसके पास कुछ भी न हो -> अकिंचन
 जिसके ह्रदय में दया हो -> दयावान
 जिसके समान कोई दूसरा न हो -> अद्वितीय
 जिसके आने की तिथि न हो -> अतिथि
 जिसके कोई संतान न हो -> निसंतान
 जिसके समान दूसरा न हो -> अद्वितीय
 जिसके पास कुछ भी न हो -> अकिंचन
 जिसके नीचे रेखा हो -> रेखांकित
 जिसके मन में कोई कपट न हो -> निष्कपट
 जिसके कोई संतान न हो -> निस्संतान
 जिसके पास लाख रूपये की सम्पत्ति हो -> लखपति
 जिसका आकार न हो -> निराकार
 जिसका पति जीवित हो -> सधवा
 जिसका अंत न हो -> अनन्त
 जिसका कारण पृथ्वी है या जो पृथ्वी से सम्बद्ध है -> पार्थिव
 जिसका उदर लंबा हो -> लंबोदर
 जिसका निवारण नहीं किया जा सके -> अनिवार्य
 जिसका इलाज न हो सके -> असाध्य
 जिसका विश्वास न किया जा सके -> अविश्वसनीय
 जिसका मूल्य न आँका जा सके -> अमूल्य
 जिसका कोई अर्थ न हो -> निरर्थक
 जिसका वर्णन न किया जा सके -> वर्णनातीत
 जिसका पार न पाया जाए -> अपार
 जिसका संबंध पश्चिम से हो -> पाश्चात्य
 जिसका आचरण अच्छा न हो -> दुराचारी
 जिसका कोई मूल्य न हो -> अमूल्य
 जिसका जन्म न हो  -> अजन्मा
 जिसका कोई आधार न हो -> निराधार
 जिसका पति जीवित हो -> सधवा
 जिसका कोई शत्रु ही न जन्मा हो -> अजातशत्रु
 जिसका कोई नाथ न हो -> अनाथ
 जिसका जन्म अनु (पीछे) हुआ हो -> अनुज
 जिसका जन्म पहले हुआ हो -> अग्रज
 जिसका ज्ञान इन्द्रियों से परे हो -> अगोचर
 जिसका कोई दूसरा उपाय न हो -> अनन्योपाय
 जिसका आदर न किया गया हो -> अनादृत
 जिसका वचन द्वारा वर्णन न किया जा सके -> अनिवर्चनीय
 जिसका निवारण न किया जा सके -> अनिवार्य
 जिसका उच्चारण न किया जा सके -> अनुच्चरित
 जिसका अनुभव किया गया हो -> अनुभूत
 जिसका मन किसी दूसरी ओर हो -> अन्यमनस्यक/अनमना
 जिसका कोई निश्चित घर न हो -> अनिकेत
 जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो -> अभिजात
 जिसका विभाजन न किया जा सके -> अविभाजित
 जिसका मन उदार हो -> उदारमना
 जिसका मन महान हो -> महामन
 जिसका हृदय उदार हो -> उदारहृदय
 जिसका उल्लेखित किया गया हो -> उल्लिखित
 जिसका चित्त एक जगह स्थिर हो -> एकाग्रचित
 जिसका सँबन्ध किसी एक देश से हो -> एकदेशीय
 जिसका उच्चारण ओष्ठ (ओंठ) से हो -> ओष्ठ्य
 जिसका संबंध उपनिवेश या उपनिवेशों से हो -> औपनिवेशिक
 जिसका संबंध उपन्यास से हो -> औपन्यासिक
 जिसका जन्म छोटी (अन्त्य) जाति में हुआ हो -> अन्त्यज
 जिसका जन्म अनु (पीछे) हुआ हो -> अनुज
 जिसका खण्डन न हो सके -> अकाट्य
 जिसका हाथ बहुत तेज चलता हो -> क्षिप्रहस्त
 जिसका कोई शुल्क न लिया जाय -> निःशुल्क
 जिसका कोई आकार न हो -> निराकार
 जिसका कोई भय न हो -> निर्भय