स्टडी मटेरियल

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

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राष्‍ट्रीय चिन्ह भारतीय पहचान और उसकी विरासत का महत्वपूर्ण हिस्‍सा हैं। विश्‍व में बसे विविध पृष्‍ठभूमियों के भारतीय इन राष्‍ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं क्‍योंकि वे प्रत्‍येक भारतीय के हृदय में गौरव की भावना का संचार करते हैं।

हमारा राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रेरणा का स्रोत रहे । भारत के राष्ट्रीय प्रतीक में एकदूसरे से पीठ बल जुड़े चार शेर शक्ति, गर्व और विश्वास का प्रतीक हैं। भारत का राष्ट्रीय खेल चुने जाने के समय हाॅकी अपने चरम पर था।

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भारत के राष्ट्रीय प्रतीक देश की छवि का प्रतिबिंब हैं और उन्हें बहुत ध्यान से चुना जाता है। राष्ट्रीय पशु बाघ शक्ति का प्रतीक है। राष्ट्रीय फूल कमल पवित्रता का प्रतीक है। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद अमरता का प्रतीक है।

राष्ट्रीय पक्षी मोर शिष्टता का प्रतीक है और राष्ट्रीय फल आम भारत की ट्रॅापिकल जलवायु का प्रतीक है।

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राष्ट्रीय चिन्ह

राष्ट्रीय गान

राष्ट्रीय गीत

राष्ट्रीय ध्वज

राष्ट्रीय दिग्दर्शिका (कैलेंडर)

राष्ट्रीय खेल

भारत का राष्ट्रीय खेल चुने जाने के समय हाॅकी बहुत लोकप्रिय था। सन् 1928-1956 के बीच हाॅकी ने स्वर्णिम युग देखा और भारत ने ओलंपिक में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे। हाॅकी को भारत का राष्ट्रीय खेल चुने जाने के समय इसमें बेजोड़ और अतुलनीय प्रतिभाएं थीं। उस समय तक भारत ने 24 ओलंपिक मैच खेले थे और सभी जीते थे।

न कमल है हमारा राष्ट्रीय फूल और न ही हॉकी राष्ट्रीय खेल

सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत एक जवाब में केंद्र सरकार ने चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन किया है कि कमल और हॉकी राष्ट्रीय महत्व से नहीं जुड़े हैं। सरकार का प्रमुख उद्देश्य सभी लोकप्रिय खेलों को बढ़ावा देना है। इसलिए किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रूप में घोषित नहीं किया गया है। यह आरटीआइ बिहार के मधुबनी (रामपट्टी) के शिक्षक कृष्ण कुमार ने लगाई थी।

राष्ट्रीय वृक्ष

बरगद (फाइकस बैंगा‍लेंसिस) का पेड़ अपनी हमेशा फैलते रहने वाली शाखाओं के कारण अमरता का प्रतीक है। भारत की एकता इस पेड़ के विशाल और गहरी जड़ों से प्रतिबिंबित होती है। इस पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है जिसका अर्थ इच्छाएं पूरी करने वाला वृक्ष होता है। बरगद का पेड़ विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों को आश्रय देता है जो भारत और उसमें रहने वाले विभिन्न धर्मों, जातियों और नस्लों का प्रतीक है।

राष्ट्रीय नदी

भारत सरकार द्वारा गंगा नदी को 4 नवम्बर, 2008 को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया। तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (1600 किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है।

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राष्ट्रीय फूल

भारतीय पौराणिक कथाओं में कमल (निलम्बो नूसीपेरा गेर्टन) का बहुत महत्व है। यह आश्चर्यजनक तौर पर गंदे पानी में उगता है। इसके लंबे डंठल के शीर्ष पर फूल लगा रहता है। कमल का फूल अशुद्धता से अछूता रहता है। यह पवित्रता, उपलब्धि, लंबे जीवन और अच्छे भाग्य का प्रतीक है।

राष्ट्रीय जलीय जीव

गंगा नदी में पायी जाने वाली डॉल्फिन (प्लेटिनिस्टा गेंगेटिका) भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव है। भारत सरकार ने 05 अक्टूबर 2009 , तक किसी भी जलचर को राष्ट्रीय जीव घोषित नहीं किया गया था। 05 अक्टूबर 2009 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की एक बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुझाव पर विलुप्त हो रही गंगा डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने का फैसला किया गया।

राष्ट्रीय फल

आम (मेग्नीवफेरा इंडिका) मूलतः भारत का है और पूरी तरह से देशी है। आम प्राचीन काल से भारत में उगता आया है। प्राचीन समय से ही आम की स्वादिष्टता पर कई प्रसिद्ध कवियों ने रचनाएं लिखी हैं।

राष्ट्रीय पक्षी

सन् 1963 में मोर (पावो क्रिस्तातूस) को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था क्योंकि यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा था। मोर शिष्टता और सुंदरता का प्रतीक है। मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने का एक कारण इसका पूरे देश में पाया जाना भी है।

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राष्ट्रीय पशु

बाघ को जंगल का राजा कहा जाता है और यह भारत के समृद्ध वन्य जीवन को दर्शाता है। भारत में बाघों को बचाने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर शुरु किया गया और सन् 1973 में बंगाल टाइगर (पेंथरा टाइग्रिस) को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। इससे पहले शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था।