स्टडी मटेरियल

द्वितीय विश्व युद्ध

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द्वितीय विश्व युद्ध को वर्ष 1939-45 में होने वाला एक सशस्त्र विश्वव्यापी युद्ध के रूप में जाना जाता है। इस युद्ध में दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी गुट धुरी शक्तियाँ (जर्मनी, इटली और जापान) तथा मित्र राष्ट्र (फ्राँस, ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन) सम्मिलित थे। यह इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध था जो लगभग छह साल तक चलता रहा। इसमें लगभग 100 मिलियन लोगो ने भाग लिया था और 50 मिलियन लोग (दुनिया की आबादी का लगभग 3%) मारे गए थे।

द्वितीय विश्व युद्ध के कारण

वर्साय की संधि –

राष्ट्र संघ की विफलता –

वर्ष 1929 की महामंदी –

फासीवाद का उदय –

नाज़ीवाद का उदय –

तुष्टिकरण की नीति –

द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम

धन-जन का भीषण संहार –

द्वितीय विश्व युद्ध में जन-धन की बहुत हानि हुई। इस युद्ध में दोनों पक्षों के 5 करोड़ से अधिक लोग मारे गए जिनमें सोवियत की संख्या सर्वाधिक थी। लाखों लोग घरों से बेघर हो गए जिससे पुनर्वास की समस्या उत्पन्न हो गयी। लाखों यहूदियों को मार दिया गया तथा घायलों की गिनती नहीं की जा सकती थी। इंग्लैंड में लगभग 2000 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति नष्ट हो गई। सोवियत संघ की संपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति का 1/4 भाग युद्ध में खर्च हो गया।

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औपनिवेशिक युग का अंत –

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात सभी साम्राज्यवादी राज्यों को बारी-बारी से अपनी उपनिवेशों को खोना पड़ा। उपनिवेशों में राष्ट्रीयता की लहर तीव्र हो गई। स्वतंत्रता आंदोलन तेज़ हो गए। एशिया के अनेक देश यूरोपीय अधीनता से आजाद हो गए। भारत भी अंग्रेजों की अधीनता से स्वतंत्र हो गया।

फासीवादी शक्तियों का अंत –

युद्ध में हारने के बाद धुरी राष्ट्रों के बुरे दिन आ गए। जर्मन साम्राज्य का बड़ा भाग उससे छीन लिया गया। इटली को भी अपने सभी अफ्रीकी उपनिवेश छोड़ने पड़े। जापान को भी उन क्षेत्रों को वापस करना पड़ा जिन पर वह अपना अधिकार किया हुआ था। इन राष्ट्रों की आर्थिक सैन्य स्थिति में गिरावट आई।

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साम्यवाद का तेजी से प्रसार-

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ के नेतृत्व में साम्यवाद का तेजी से प्रसार हुआ। पूर्वी यूरोप के अनेक एशियाई देशों – चीन, उत्तर कोरिया इत्यादि देशों में साम्यवाद का प्रसार हुआ।

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना –

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की पुनः आवश्यकता हुई, जो की विश्व शांति बनाए रख सके एवं विश्व युद्ध की पुनरावृति को रोका जा सके। अमेरिका के पहल पर 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र नामक संस्था का निर्माण हुआ।