विश्व बैंक ने हाल ही में ‘साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस’ नाम से अपनी द्वि-वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में दक्षिण एशियाई क्षेत्र के आठ देशों की आर्थिक वृद्धि दर्ज में गिरावट आने का आसार व्यक्त किये हैं।
इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में इस वित्तीय वर्ष में 1.5% -2.8% की वृद्धि होगी, जो 1991 में लागू उदारीकरण नीतियों के बाद से सबसे खराब आर्थिक चरण होगा।
मूडीज ने पहले भारत की वृद्धि 2.5% रहने की भविष्यवाणी की थी। फिच रेटिंग ने भारत की विकास दर 2% तय कीहै। एशियाई विकास बैंक ने भारत की विकास दर 4% रहने का अनुमान लगाया है।
विश्व बैंक देश के प्रत्येक नागरिक को भोजन उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा विश्व बैंक ने अस्थायी नौकरी कार्यक्रमों की सिफारिश की है। विश्व बैंक ने भारत को विशेषकर छोटे और मध्यम उद्यमों में दिवालिया होने से बचाने के लिए उपयुक्त उपाय करने की भी सिफारिश की है।
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