9 अप्रैल, 2020 को संयुक्त राष्ट्र ने एशिया और प्रशांत के आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण (ESCAP), 2020 पर एक रिपोर्ट जारी की।
इस रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में भारत की आर्थिक विकास दर 5% थी। यह अनुमान लगाया गया है कि विकास दर 2020-21 में 4.8% तक सिकुड़ जायेगा और वर्ष 2021-22 में विकास दर में सुधार हो सकता है।
वायरस के नकारात्मक प्रभाव दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में एशिया और प्रशांत को बहुत प्रभावित करते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस का प्रभाव 17 साल पहले SARS के दौरान अनुभव होने वाले से भी बदतर होगा।
इस रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में 2.3% की दर से बढ़ेगी और 2021 में धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ेगी। वैश्विक आर्थिक विकास दर 2019 में 3% थी और यह 2008 में आर्थिक मंदी के बाद से यह सबसे धीमी विकास दर थी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विकास दर 5% से 4.3% तक कमजोर होगी।
भारत विश्व की 20% दवाओं का उत्पादन करता है। यह चीन से 70% कच्चे माल का आयात करता है। इसलिए अगर लंबे समय तक महामारी जारी रहती है तो यह इन आपूर्ति श्रृंखलाओं को बहुत प्रभावित करेगी।
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