19 मार्च, 2020 को वित्त आयोग ने घोषणा की कि वह अपनी दूसरी रिपोर्ट जारी करने से पहले COVID-19 की स्थिति की मॉनिटरिंग करेगा।
वित्त आयोग सरकार के राजकोषीय समेकन की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करेगा। वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अनुदान की सिफारिश की है। इसने राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष और राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन कोष की स्थापना की सिफारिश भी की है। यह केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर मौजूदा आपदा राहत कोष को रीप्लेस करेगा।
‘वित्त आयोग’ एक संवैधानिक संस्था है, इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया गया था। वित्त आयोग केंद्र से राज्यों को मिलने वाले अनुदान के नियम भी तय करता है। यह राज्यों तथा केंद्र के बीच कर राजस्व वितरण की अनुशंसा भी करता है। वित्त आयोग का गठन पांच वर्ष के लिए किया जाता है, इसमें पांच सदस्य शामिल होते हैं। इनमे एक अध्यक्ष तथा चार सदस्य शामिल होते हैं। पहले वित्त आयोग का गठन 6 अप्रैल, 1952 को श्री के.सी. नेगी की अध्यक्षता में किया गया था।
15वें वित्त आयोग का गठन नवम्बर, 2017 में किया गया था। इसका गठन अगले पांच वर्षों (1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2025) के लिए वित्तीय मामलों तथा कर निर्धारण के लिए किया गया था।
इसके अध्यक्ष एन.के. सिंह हैं। 15वें वित्त आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, अशोक लाहिरी तथा अनूप सिंह हैं। रमेश चंद 15वें वित्त आयोग के पार्ट-टाइम सदस्य हैं।
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