हाल ही में भारतीय उद्योग संघ (CII – Confederation of Indian Industries) ने सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों के पुनर्वास के लिए फण्ड की स्थापना की है। इसके लिए परिसंघ के सदस्यों से फण्ड जुटाया जायेगा।
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (MSME) सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इसका मुख्य कारण वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदम हैं, जैसे लॉक डाउन, यात्रा प्रतिबन्ध, थिएटरों, मॉल और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना इत्यादि।
भारत सरकार ने लॉक डाउन की स्थिति में MSME की सुरक्षा के लिए कई उपाय शुरू किए हैं।
भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों को देर से ऋण वापस करने के लिए अनुमति दी है। 30 अप्रैल, 2020 तक स्थिति जारी रहने पर सरकार छह महीने के लिए IBC कोड (Insolvency Bankruptcy Code) के सेक्शन 7, 9 और 10 को निलंबित कर देगी।
सेक्शन 7
दिवाला दिवालियापन संहिता (Insolvency Bankruptcy Code) के सेक्शन 7 के तहत लेनदार अथवा सरकार दिवालियापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर कर सकते हैं।
सेक्शन 9
इस धारा के तहत कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी की शुरुआत की जाती है।
सेक्शन 10
यह सेक्शन डिफ़ॉल्टर कंपनी को दिवालिया घोषित करने के लिए सम्बंधित प्राधिकारी से संपर्क करने की शक्ति देता है।
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