24 मार्च, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने घोषणा की कि कोरोना वायरस के कारण होने वाली मंदी 2009 से भी बद्दतर है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने विशेष रूप से G-20 देशों को चेतावनी दी है कि वर्तमान आर्थिक दृष्टिकोण नकारात्मक है।
कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए वैश्विक समाधान ढूँढने के लिए G-20 देश एक सप्ताह में एक आभासी शिखर सम्मेलन का आयोजन करेंगे।
आईएमएफ के अनुसार मौजूदा शटडाउन के कारण विश्व में 1.5% गिरावट आई है है। इसके चलते निवेशकों ने उभरते बाजारों से अपने निवेश को हटा दिया है। इसके अलावा 2020 के लिए वैश्विक विकास का दृष्टिकोण नकारात्मक है।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 1 ट्रिलियन डॉलर उपलब्ध करवाएगा। 80 से अधिक देशों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से आपातकालीन फण्ड के लिए अनुरोध किया है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार 2008 के वित्तीय संकट के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2009 में 0.6% तक संकुचन हुआ था। हालांकि, भारत और चीन जैसे उभरते बाजार तेजी से बढ़ रहे थे।
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