10 फरवरी, 2019 को प्रथम दलहन दिवस के रूप में मनाया गया है। दालों के महत्व को रेखांकित करने के लिए वर्ष 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दालों का वर्ष घोषित किया गया है। दालें पोषण तथा खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दाल दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया।
दालें पोषण से भरपूर होती हैं, इनमे प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है। यह उन क्षेत्रों के लिए विशेष उपयोगी होती हैं जहाँ पर मांस तथा दुग्ध उत्पादों की कमी होती है। दालों में वसा कम होता है जबकि घुलनशील रेशे अधिक होती है। यह कोलेस्ट्रोल तथा ब्लड शुगर को कम करने में काफी उपयोगी हैं। मोटापा कम करने के लिए भी दालें काफी उपयोगी होती हैं।
दालें खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। यह विश्व की एक बड़ी जनसँख्या का प्रमुख भोजन हैं। दालों की खेती करने वाले किसानों के लिए यह आय का महत्वपूर्ण स्त्रोत है।
दालों से जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। दालों के कारण संश्लेषित उर्वरकों के उपयोग में कमी आती है। इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी होती है।