2 दिसम्बर को दासता की समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दासता तथा तथा समाज पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस दिवस का उद्देश्य समकालीन दासता जैसे कि मानव तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम इत्यादि को समाप्त करना है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार विश्व भर में लगभग 40 मिलियन आधुनिक दासता का शिकार हैं। विश्व में प्रत्येक 1000 में 5.4 लोग आधुनिक दासता का शिकार हैं। इसमें एक चौथाई बच्चे भी शामिल हैं। आधुनिक दासता में बाल श्रम, मानव तस्करी इत्यादि शामिल है। दासता वह स्थिति है जब व्यक्ति किसी खतरे, हिंसा अथवा दबाव के कारण इनकार नहीं कर सकता। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने दासता को समाप्त करने के लिए नवम्बर, 2016 में नए प्रोटोकॉल लागू किये थे।
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