प्रतिवर्ष फरवरी की आखिरी तारीख को विश्व दुर्लभ रोग दिवस (World Rare Disease Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को पहली बार 2008 में यूरॉर्डिस द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य बीमारी के प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
Theme: Reframe Rare for Rare Disease Day
डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुर्लभ रोग में थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल एनीमिया और प्राथमिक प्रतिरक्षा की कमी शामिल है।
भारत में 70 मिलियन से अधिक लोग दुर्लभ रोगों से प्रभावित हैं। दुर्लभ रोगों से लड़ने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति (National Policy for Rare Diseases) जारी की है।
दुर्लभ रोगों पर राष्ट्रीय नीति का उद्देश्य 15 लाख रुपये तक का उपचार उपलब्ध करवाना है। इसमें ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के तहत एक रजिस्ट्री स्थापित करने का प्रस्ताव है।