हरिजन सेवक संघ की स्थापना 30 सितंबर, 1932 को हुई थी। इसकी स्थापना गांधीजी ने की थी। उन्होंने इसकी स्थापना तब की जब वे पुणे के येरवदा जेल में थे।
गांधीजी ने एक अलग समूह में हिंदू समुदाय के दबे हुए वर्गों के अलगाव का विरोध किया। यह 1931 में लंदन में आयोजित द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में किया गया था। बी.आर. अंबेडकर ने ब्रिटिश सरकार को दलित वर्ग को सांप्रदायिक आधार पर प्रतिनिधित्व प्रदान करने की सिफारिश की थी।
गांधीजी के अनुसार, हिंदू समुदाय में विभाजन पैदा करने के लिए यह कदम उठाया गया था। उनका मत था कि यह अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति का हिस्सा था।
बाद में 30 सितंबर, 1932 को गांधीजी ने All India Untouchability League की स्थापना की। बाद में इस लीग का नाम बदलकर “हरिजन सेवा संघ” कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हरिजन अखबार की स्थापना की।
इसकी स्थापना भारत में अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए की गई थी। इसका मुख्यालय किंग्सवे कैंप, दिल्ली में है। इस संघ ने भारतीय समाज में दलित वर्गों को स्कूलों, मंदिरों, सड़कों और जल संसाधनों जैसे सार्वजनिक स्थानों तक पहुंचने में मदद की। इसने अंतर्जातीय विवाह भी करवाए।
किंग्सवे कैंप गांधीवादी विरासत स्थलों में से एक है। इन स्थलों का रखरखाव संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
गांधीवादी विरासत स्थल
भारत में गांधीवादी विरासत स्थल निम्नलिखित हैं :
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