1 अक्टूबर को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य कॉफ़ी पेय को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य उन सभी लोगों को प्रति सम्मान व्यक्त करना है जो खेत से दुकान तक कॉफ़ी को पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस की उत्पत्ति के सन्दर्भ में कोई ठोस जानकारी नहीं है। 1983 में आल जापान कॉफ़ी एसोसिएशन द्वारा कॉफ़ी को बढ़ावा देने के लिए एक इवेंट का आयोजन किया था। अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी संघ ने कॉफ़ी दिवस के लिए तिथि निश्चित की तथा 2015 में इटली के मिलान में कॉफ़ी को बढ़ावा देने के लिए तथा कॉफ़ी उत्पादकों की स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापार मेले का आयोजन किया।
भारत विश्व का 6वां सबसे बड़ा कॉफ़ी उत्पादक देश है, भारत विश्व की कुल 4% कॉफ़ी का उत्पादन करता है। विश्व में कॉफ़ी का सर्वाधिक उत्पादन ब्राज़ील, वियतनाम, कोलंबिया, इंडोनेशिया तथा इथियोपिया द्वारा किया जाता है। 2016 में भारत में 4.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 3.66 लाख कॉफ़ी किसानों द्वारा कॉफ़ी का उत्पादन किया गया। भारत में कॉफ़ी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक (54%), केरल (19%) तथा तमिलनाडू (8%) हैं। भारत में उत्पादित की जाने वाली कॉफ़ी का 70-80% हिस्सा निर्यात किया जाता है। भारतीय कॉफ़ी का निर्यात इटली, रूस और जर्मनी जैसे देशों को किया जाता है। भारत में रोबस्टा (कोफिया कानेफोरा) तथा कोफिया अरेबिका कॉफ़ी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है ।
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