12 अगस्त को प्रतिवर्ष विश्व गज दिवस का रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य एशियाई व अफ्रीकी हाथियों के बारे में जागरूकता फैलाना है। भारत में इस दिन भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट व पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गज महोत्सव का आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य पेंटिंग तथा चित्रों द्वारा हाथियों की स्थिति के बारे में लोगों को अवगत करवाना है।
पहली बार 12 अगस्त, 2012 को अंतर्राष्ट्रीय गज दिवस के रूप में मनाया गया था। इसकी शुरुआत 2011 में सबसे पहले माइकल क्लार्क तथा पेट्रीशिया सिम्स (कनाडाई फिल्म निर्माता) ने की थी। इसका उद्देश्य हाथियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना, हाथियों के प्राकृतिक आवास की सुरक्षा तथा हाथी दांत के अवैध व्यापार पर रोक लगाना है। विश्व भर के कुल 65 वन्यजीव संगठनों द्वारा इस दिवस को मनाया जाता है।
IUCN की रेड लिस्ट में अफ्रीकी और एशियाई हाथी को असुरक्षित प्रजाति के रूप में रखा गया है। वर्तमान में अफ्रीकी हाथियों की जनसँख्या लगभग 4 लाख है जबकि एशियाई हाथियों की जनसँख्या लगभग 40 हज़ार है।
नोट : भारतीय हाथी, एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियों में से एक है। यह हाथी मुख्य रूप से एशिया में पाया जाता है। वर्ष 2011 में भारतीय हाथी को सरकार ने देश का राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया था।
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