14 अप्रैल, 2020 को अमेरिका ने भारत को मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दी। यह मिसाइलें हैं : टॉरपीडो लाइटवेट मिसाइल और हार्पून एयर-लॉन्च मिसाइल। इन मिसाइलों को 155 मिलियन डालर में बेचा जा रहा है।
हार्पून मिसाइलों की लागत 92 मिलियन डॉलर है और टॉरपीडो की कीमत 63 मिलियन डॉलर है। यह मिसाइलें दुश्मन की हथियार प्रणाली से खतरों के खिलाफ अपनी क्षमता में सुधार करने में भारत की मदद करेंगी। हल्के टॉरपीडो का इस्तेमाल पनडुब्बी रोधी युद्धक अभियानों में किया जाएगा। हार्पून एक एंटी-शिप मिसाइल है जिसका इस्तेमाल दुश्मन की नाव या जहाज पर हमला करने के लिए किया जाता है। टॉरपीडो पानी के नीचे की मिसाइल है जिसे पानी के नीचे या ऊपर लॉन्च किया जा सकता है।
अमेरिका के अनुसार यह मिसाइल अमेरिका को अपने प्रमुख रक्षा साझेदार में से एक को मजबूत करने में मदद करेगी। साथ ही, यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक प्रगति लाने में मदद करेगा।
भारत अपनी मातृभूमि की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इन मिसाइलों का उपयोग करेगा। साथ ही, यह मिसाइलें भारत के पी-81 विमान के साथ पूरी तरह से अनुकूल हैं और इसलिए, भारत को अपने सशस्त्र बलों में इन प्रणालियों को अवशोषित करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
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