केन्द्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में SAANS: ‘Social Awareness and Action to Neutralise Pneumonia Successfully’ अभियान लांच किया। इस अभियान का उद्देश्य देश में निमोनिया के कारण होने वाली बच्चों की मौतों में कमी लाना है। इस अभियान को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लांच किया।
इस अभियान के तहत निमोनिया के पीड़ित बच्चों को आशा कार्यकर्त्ता द्वारा एंटी-बायोटिक अमोक्सीलिन की डोज़ प्रदान की जायेगी। पीड़ित बच्चों के रक्त में निम्न ऑक्सीजन स्तर का पता लगाने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग किया जायेगा।
भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की 15% मौतें निमोनिया के कारण होती है। इसलिए निमोनिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जन जागरूकता अभियान भी लांच किया जाएगा।
HMIS (हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम) डाटा के अनुसार भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर 37 प्रति 1000 जन्म है। इसमें 5.3 मौतें निमोनिया के कारण होती है। भारत ने 2025 तक निमोनिया के कारण बच्चों की मृत्यु दर को 3 प्रति 1000 जन्म करने का लक्ष्य रखा है। HMIS डाटा के मुताबिक 2018-19 में निमोनिया के कारण सबसे ज्यादा बच्चों की मृत्यु मध्य प्रदेश में हुई है, मध्य प्रदेश के बाद गुजरात का स्थान है। युनीसेफ के अनुसार 2018 में विश्व भर मे निमोनिया के कारण पांच वर्ष से कम आयु की बच्चों की होने वाली मौतों में भारत दूसरे स्थान पर है।
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