हाल ही में, ग्लोबल इकोनॉमिक फ़्रीडम इंडेक्स 2020 की रिपोर्ट में भारत 26 स्थानों की गिरावट के साथ 105वें स्थान पर पहुँच गया है। पिछले वर्ष के अनुसार भारत 79वें स्थान पर था।
यह हेरिटेज फाउंडेशन और वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा 1995 में पहली बार बनाया गया एक वार्षिक सूचकांक है, जिसने दुनिया के देशों में आर्थिक स्वतंत्रता का अनुमान लगाया है। यह रैंकिंग देशों को आर्थिक स्वतंत्रता के पैमाने पर 0 से 100 के बीच स्कोर प्रदान करती है जहां शून्य का अर्थ आर्थिक स्वतंत्रता का अभाव है और 100 का अर्थ पूर्ण आर्थिक स्वतंत्रता है।
इस वर्ष सिंगापुर 89.4 अंक के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 42 अन्य देशों के बीच दुनिया की सबसे स्वतंत्र अर्थव्यवस्था में पहले स्थान पर रहा। इस रिपोर्ट में हांगकांग दूसरे स्थान पर रहा। सूचकांक के बारे में दिलचस्प बात यह है कि चीन का स्थान भारत से भी नीचे रहा।
इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने का मुख्य उद्देश्य आर्थिक स्वतंत्रता का आकलन करना है। इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य आर्थिक स्वतंत्रता, निजी स्वामित्व वाली संपत्ति की आर्थिक सुरक्षा, व्यक्तिगत पसंद के स्तर, व्यापारिक प्रतिभागियों के लिए बाजारों में प्रवेश करने की क्षमता, कानून का शासन,162 देशों और क्षेत्रों की नीतियों और संस्थानों का विश्लेषण करना है।
कुछ अन्य देशों की रैंकिंग :
फ्रांस में 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है…
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) के शोधकर्ताओं द्वारा ‘PIVOT’ नामक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड उपकरण…
प्राकृतिक खेती सम्मेलन 10 जुलाई, 2022 को आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल…
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 जुलाई, 2022 को निर्माण श्रमिकों को उनकी क्षमताओं…
विश्व शांति मंच 2022 के दसवें संस्करण का आयोजन बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय द्वारा किया…
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन…