5 फरवरी को राजस्थान के जयपुर शहर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। यह प्रमाणपत्र यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजूले द्वारा प्रदान किया गया, वे इन दिनों भारत की यात्रा पर आये हैं।
इससे पहले राजस्थान के जयपुर शहर को UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था, यह घोषणा अज़रबैजान के बाकू में UNESCO के 43वें सत्र में की गयी।
जयपुर की स्थापना सवाई जयसिंह II के संरक्षण में 1727 ईस्वी में की गयी थी। जयपुर अपनी स्थापत्य विरासत और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है। इसका शहर नियोजन प्राचीन हिन्दू, मुग़ल तथा समकालीन पाश्चात्य विचारो का संगम है।
इस प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन यूनेस्को द्वारा राजस्थान के 10 शहरों में किया जा रहा है, इसमें बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर इत्यादि शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र संगठन है, जो दुनिया भर में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित रखने में मदद करता है। यह फ्रांस में स्थित बहु-राष्ट्र एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1945 में की गयी थी। यह साक्षरता और यौन शिक्षा के साथ-साथ दुनिया भर के देशों में लैंगिक समानता में सुधार को बढ़ावा देता है। यह विश्व धरोहर स्थलों को पहचानने और प्राचीन खंडहर, गांवों और मंदिरों, और ऐतिहासिक स्थलों जैसे सांस्कृतिक और विरासत स्थलों को संरक्षित करने के लिए भी पहचाना जाता है।