1 फरवरी, 2020 को केन्द्रीय वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट पेश किया, इस बजट में शिक्षा तथा कौशल विकास के लिए निम्नलिखित घोषणाएँ की गयी :
मार्च 2021 से 150 उच्च शिक्षण संस्थान डिग्री डिप्लोमा युक्त अप्रेंटिसशिप कोर्स शुरू करेंगे।
बजट में स्थानीय शहरी निकायों में युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए फण्ड आबंटित किये गये हैं। इसके तहत स्थानीय युवाओं विशेषकर नए इंजीनियरों को एक वर्ष की अवधि तक इंटर्नशिप प्रदान की जायेगी। स्थानीय शहरी निकायों में जन शक्ति की कमी है, इससे उनकी समस्या का समाधान भी हो जायेगा।
समाज के वंचित वर्ग के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए बजट में ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल की व्यवस्था की गयी है। इस पोर्टल गुणवत्ता बनाये रखने के लिए में देश के टॉप 100 शिक्षण संस्थान ही कोर्स चला सकते हैं।
‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत एशियाई व अफ्रीकी देशों में INDSAT परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया है। यह भारत में पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति हासिल करने के लिए बेंचमार्क होगा।
बजट में राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय फॉरेंसिक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए फण्ड आबनित किये गये हैं। इसमें पुलिस विज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान तथा साइबर फॉरेंसिक्स पर फोकस किया जायेगा।
देश में योग्य डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए PPP मॉडल पर जिला अस्पतालों के साथ मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है। जो राज्य भूमि देने के लिए तैयार हैं उन्हें मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए viability gap funding दी जायेगी।
बजट में DNB (Diplomate in National Board) तथा FNB (Fellowship in National Board) की संख्या को बढ़ाने के लिए फण्ड आबंटित किये गये हैं। इन स्नातकों के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी। DNB को निजी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षण दिया जाता है।
बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं। जबकि कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं।