हाल ही में प्रसिद्ध मलयालम कवि अक्कितम का 94 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उन्होंने 55वां ज्ञानपीठ पुरस्कार जीता था। अक्कितम अचुथन नम्बूदरी का जन्म 1926 में हुआ था, उन्हें अक्कितम नाम से जाना जाता है। अक्कितम ने अब तक 55 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी कुछ एक प्रमुख रचनाएं हैं : खंड काव्य, कथा काव्य, चरित काव्य इत्यादि।
अक्कितम अचुथन नम्बूदरी का जन्म 18 मार्च, 1926 को पलक्कड़ में हुआ था। वे एक कवि व निबंधकार हैं। उन्हें उनकी रचनाओं के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, ओड़ाकुझल अवार्ड, केंद्र साहित्य अकादमी अवार्ड, आसन पुरस्कार, ललिताम्बिका साहित्य अवार्ड, एझुथाचन अवार्ड,पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
इस पुरस्कार की स्थापना 1961 में की गयी थी। इस पुरस्कार के द्वारा भारतीय ज्ञानपीठ संविधान में शामिल 22 भारतीय भाषाओँ में रचना करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित करती है। शुरू में इस पुरस्कार के लिए अंग्रेजी भाषा को शामिल नहीं किया गया था, परन्तु 49वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद अंग्रेजी भाषा को भी इस पुरस्कार के लिए शामिल किया गया। इस पुरस्कार के विजेताओं को 11 लाख रुपये नकद राशि, प्रशस्ति पत्र तथा देवी सरस्वती की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रसिद्ध मलयालम जी.एस. कुरूप को प्रदान किया गया था।
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