6 मार्च, 2020 को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) ने 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वर्ष के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से 2016 के बीच, भारत में 40% पर्यावरणीय अपराध राजस्थान के थे।
इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयों की स्थापना नहीं की गई है। इन अपराधों के द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया गया। 2014 और 2016 के बीच, देश में पंजीकृत पर्यावरणीय अपराधों की संख्या 15,723 थी, जबकि राजस्थान में 6,382 पंजीकृत मामले थे।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व और सरिस्का टाइगर रिजर्व को स्थानीय सलाहकार समिति की अनुपस्थिति के कारण विनियमित नहीं किया गया। रणथंभौर में, 10 कोर क्षेत्रों में से 5 मानसून के मौसम में बंद नहीं किये गये थे।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने क्षेत्र में वन्य जीवन के लिए कई परेशानियों को चिन्हित किया है। कोटा में अभेदा जैविक उद्यान के पास कचरा डंपिंग यार्ड है।
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