17 फरवरी, 2020 को विश्व बैंक और भारत सरकार ने अटल भूजल योजना के लिए 450 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये। इसके द्वारा भूजल संस्थानों को मज़बूत किया जाएगा तथा भूजल संसाधनों ह्रास को रोकने के लिए प्रयास किये जायेंगे।
‘राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार कार्यक्रम’ (अटल भूजल योजना) के क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 78 जिलों को कवर किया जाएगा, इन जिलों का चयन भूमिगत जल के ह्रास के आधार पर किया गया है।
देश के बड़े भागों में भूजल संसाधनों की कमी को दूर करने के मानस से मंत्रालय ने अटल भूजल योजना का निर्माण किया है, इस योजना का उद्देश्य सामूहिक भागीदारी से देश के प्राथमिक क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन की स्थिति में सुधार लाना है। योजना के तहत चुने गये प्राथमिक क्षेत्र के राज्यों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश शामिल है और इन राज्यों के 78 जिलों में से लगभग 8350 ग्राम पंचायतों के योजना के तहत लाभान्वित होने की आशा है। इस योजना के लिए धन राशि देने का कारण भूजल संचालन हेतु उत्तरदाई संस्थानों को बेहतर बनाना और भूजल प्रबंधन में पानी के उपयोग एवं संरक्षण को बढ़ावा देना है. मंत्रालय की वित्त व्यय समिति योजना के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है मंत्रालय अब मंत्रिमण्डल की अनुशंसा को जल्द सुनिश्चित करेगा।
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