1 अप्रैल, 2020 से भारत यूरो-VI उत्सर्जन के अनुकूल ईंधन का उपयोग शुरू कर देगा, वर्तमान में भारत में यूरो-IV ग्रेड ईंधन का उपयोग करता है। यूरो-VI इंधन अपेक्षाकृत स्वच्छ ईंधन है।
यूरो-VI ग्रेड के इस्तेमाल करने के साथ ही भारत उन चुनिन्दा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा को शुद्ध व स्वच्छ ईंधन का उपयोग करते हैं। इस ईंधन में सल्फर बहुत कम (10 parts per million of Sulphur) पाया जाता है। बड़े शहरों में सल्फर उत्सर्जन प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है।
इंडियन आयल कारपोरेशन व अन्य अग्रणी तेल शोधन कारखाने पहले से BS-VI पेट्रोल व डीजल को अंगीकृत कर चुके हैं। भारत स्वच्छ ईंधन की ओर अग्रसर हो चुका है।
भारत ने 2010 में यूरो II (BS-III के समान) ईंधन का उपयोग शुरू किया किया था, इसमें 350 पार्ट्स पर मिलियन सल्फर पाया जाता है। सात वर्ष बाद भारत ने BS-IV ईंधन का उपयोग शुरू किया, इसमें 50 ppm सल्फर पाया जाता है। इसके केवल तीन वर्ष के बाद ही भारत में BS-VI ईंधन का उपयोग शुरू हुआ। दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में अप्रैल, 2019 से ही BS-VI ईंधन का उपयोग किया जा रहा है।
वर्ष 2000 में बेंजीन सीमा 5% थी, 2019 में इसे घटाकर 1% कर दिया गया था। इसके अलावा ईंधन में लेड की मात्रा को भी कम किया गया है।
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