3 मार्च, 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहकारी बैंकों को विनियमित करने के लिए बैंकिंग विनियमन कानून में संशोधन के लिए संसद में बिल पेश किया। इसका उद्देश्य पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) में देखी गई धोखाधड़ी जैसी घटनाओं पर रोक लगाना है।
बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 का उद्देश्य 1,540 सहकारी बैंकों को 5 लाख करोड़ रुपये की बचत के साथ विनियमित करना है। इसका उद्देश्य छोटे जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है जिन्हें पीएमसी जैसी धोखाधड़ी के दौरान बहुत संघर्ष करना पड़ता है। संकट के समय पीएमसी बैंकों की निकासी सीमा 1000 रुपये तक सीमित थी। इससे कई ग्राहकों आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा।
यह संशोधन केवल बहु-राज्य सहकारी बैंकों और शहरी सहकारी बैंकों के लिए किया जा रहा है। सहकारी बैंक वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के दोहरे नियंत्रण में हैं। इस संशोधन के बाद आरबीआई को पूंजी पर्याप्तता और कैश रिज़र्व जैसे नियामक कार्यों के अलावा अतिरिक्त शक्तियां प्रदान की जाएंगी। हालांकि, बैंक की प्रशासनिक भूमिका रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज के पास ही रहेगी।
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