इज़राइल के हिलेल फुरस्टेनबर्ग और रूस-अमेरिकी ग्रेगरी मारगुलिस को वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित एबेल पुरस्कार का विजेता चुना गया है। एबेल पुरस्कार गणित के क्षेत्र के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है। इन दो गणितज्ञों को समूह सिद्धांत (group theory), संख्या सिद्धांत (number theory) और संयोजन विज्ञान (combinatorics) में संभावना और गतिशीलता की विधियों के उपयोग की शुरुआत के लिए चुना गया है। यह दो गणितज्ञ आसानी से समझने योग्य गणित की निश्चितता बनाने के लिए यादृच्छिकता (randomness) का उपयोग करने वाले पहले व्यक्ति थे।
वह यरुशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय में एक अमेरिकी-इजरायल गणितज्ञ हैं। उनका जन्म जर्मनी में हुआ था। उनका परिवार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका चला गया था। एक योगज संख्या सिद्धांत का नाम उनके नाम पर फ्रस्टेनबर्ग-सरकोजी प्रमेय (Frustenberg-Sarkozy Theorem) रखा गया है। उन्होंने गणित में वुल्फ पुरस्कार भी जीता है
वह एक रूसी-अमेरिकी गणितज्ञ हैं। वह फील्ड्स मैडल, वुल्फ प्राइज और एबेल प्राइज, इन तीनों पुरस्कार को जीतने वाले पांचवें व्यक्ति हैं।
एबेल प्राइज प्रतिवर्ष नॉर्वे के सम्राट द्वारा प्रदान उत्कृष्ठ गणितज्ञ को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार का नाम नॉर्वे के गणितज्ञ नील्स हेनरिक एबेल के नाम पर रखा गया है। इस पुरस्कार के विजेता को 6 मिलियन क्रोनर प्रदान किये जाते हैं। पहली बार एबेल प्राइज वर्ष 2003 में प्रदान कियागया था। यह गणित के क्षेत्र में दिया जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार है।
फ्रांस में 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है…
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) के शोधकर्ताओं द्वारा ‘PIVOT’ नामक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड उपकरण…
प्राकृतिक खेती सम्मेलन 10 जुलाई, 2022 को आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल…
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 जुलाई, 2022 को निर्माण श्रमिकों को उनकी क्षमताओं…
विश्व शांति मंच 2022 के दसवें संस्करण का आयोजन बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय द्वारा किया…
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन…