17 जनवरी, 2020 को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने घोषणा की है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के दायरे में लाया जाएगा।
अब तक केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का क्षेत्राधिकार जम्म-कश्मीर की केन्द्रीय सेवाओं तक ही था। जब तक केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए अलग से केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की स्थापना नहीं की जाती, तब तक केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायालय की चंडीगढ़ बेंच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का कार्यभार संभालेगी।
केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की स्थापना संविधान में 42वें संशोधन के पश्चात् की गयी थी। यह ट्रिब्यूनल लोक सेवा में नियुक्त अधिकारियों से सम्बंधित विवादों का निपटान करता है। केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में सशस्त्र बलों, सर्वोच्च न्यायालय के कर्मचारियों, अर्द्धसैनिक बलों तथा सचिवालय के स्टाफ को शामिल नही किया जाता।
केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की व्यवस्था अनुच्छेद 323A में है। इस अनुच्छेद के तहत भारत सरकार को विवादों के निपटारे के लिए प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की स्थापना की शक्ति दी गयी है।
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