लोकसभा ने 6 मार्च, 2020 को खनिज कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया। इस विधेयक के द्वारा खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 और कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 में संशोधन किया जाएगा।
इस बिल के द्वारा कोयला सेक्टर को वाणिज्यिक खनन के लिए खोल दिया जायेगा। इस बिल के द्वारा खदान की नीलामी में भाग लेने के लिए अंतिम उपयोग प्रतिबंधों को हटाया जाएगा। यह कोयला आयात को कम करने में मदद करेगा।
भारत में कोयला उत्पादन में हाल ही में कमी आई है। यह मुख्य रूप से खानों की बाढ़ और श्रमिक अशांति के कारण हुआ है। इसलिए, भारत सरकार ने देश में कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। कोयला क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 100% कर दिया गया है। भारत सरकार कोयले के आयात को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है। विश्व में कोयले का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, भारत ने 2019 में 235 बिलियन टन कोयले का आयात किया।
भारत सरकार ने 2024 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
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