नासा के ग्रह खोजी मिशन टेस (ट्रांसिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट) ने 66 नए बाह्य ग्रहों की खोज की है। TESS ट्रांज़िशनिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट है। इसने अपने मिशन के दौरान लगभग 75% तारों वाले आकाश को स्कैन किया।
टीईएस मॉनिटर ने चार कैमरों का उपयोग करके लगभग एक महीने तक आकाश की निगरानी की। मिशन को सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया है।
TESS मिशन का नेतृत्व मेसाचुसेट्स टेक्नोलॉजी संस्थान की कावली इंस्टिट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स एंड स्पेस रिसर्च द्वारा किया जा रहा है। TESS को पृथ्वी के निकट तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रहों की खोज के लिए डिजाईन किया गया है। इस प्रकार के ग्रहों की उपस्थिति की जानकारी तब मिल सकेगी जब किसी तारे के सामने ग्रह के गुजरने के कारण तारे की रौशनी कम हो। TESS, अन्तरिक्ष वेधशाला केप्लर का उत्तराधिकारी है। वर्तमान में ज्ञात अधिकतर बाह्य ग्रहों की खोज केप्लर द्वारा की गयी है।
मिल्की वे आकाशगंगा के सर्वेक्षण के लिए नासा द्वारा केप्लर मिशन को लांच किया गया था। यह मुख्य रूप से सैकड़ों पृथ्वी जैसे छोटे ग्रहों की खोज पर केंद्रित था। मिशन ने निम्नलिखित पर फोकस किया :
PARAS भारत का बाह्य ग्रह खोज मिशन है। PARAS का पूर्ण स्वरुप ‘PRL Advanced Radial-velocity Abu-sky Search’ है। यह ग्राउंड-बेस्ड एक्सोप्लैनेट सर्च डिवाइस है। यह माउंट आबू में स्थित है। यह 67,000 के रिज़ॉल्यूशन पर काम करता है। PARAS ने 1.3 m/sec की RV सटीकता प्राप्त की है। यह अंशांकन के लिए थोरियम-आर्गन लैंप का उपयोग करता है।
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