9 मार्च, 2020 को ओपेक उत्पादन में कटौती करने में एक सौदा करने में विफल रहा, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में 20% तक की गिरावट दर्ज की गयी है।
सऊदी अरब और उसके प्रमुख सहयोगियों जैसे कुवैत, इराक और यूएई ने तेल के उत्पादन को कम करने के लिए ओपेक में एक सौदा करने की पहल शुरू की थी। यह निर्णय विश्व में कोरोना वायरस के फैलने के कारण तेल की कीमतों में कमी के पूर्वानुमान के रूप में लिया गया था। हालांकि ओपेक के प्रमुख सदस्य रूस ने यह सौदा करने से इनकार कर दिया।
अमेरिका द्वारा CAATSA (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) लगाये जाने के बाद कई देशों ने रूस से तेल का आयात कम या बंद कर दिया है। जिसके बाद रूस विश्व का चौथा सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय रिजर्व बन गया है। इसके अलावा रूस अभी इस स्थिति में है कि वह कम कीमतों का सामना कर सके।
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