1 मार्च, 2020 को नेशनल वर्कशॉप ऑन एक्सप्लोसिव डिटेक्शन में, RalDer-X नामक एक नई विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस लॉन्च की गयी।
राल्डर-एक्स में विस्फोटकों का पता लगाने की क्षमता है जो शुद्ध रूप में हैं और वे जो दूषित पदार्थों के साथ जोड़े जाते हैं। यह कुछ ही दूरी पर विस्फोटक का पता लगाने में भी सक्षम है। यह डिवाइस नशीले पदार्थों और अन्य तत्वों का पता लगाने में सक्षम है जो गैर-विस्फोटक प्रकृति के हैं।
विस्फोटक डिटेक्शन का निरीक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से बंदरगाहों, हवाई अड्डों और सीमाओं पर। विस्फोटक पहचान की दो मुख्य श्रेणियां हैं – बल्क डिटेक्शन और ट्रेस डिटेक्शन। दोनों प्रकार के विस्फोटकों का पता लगाने में कोलोरीमैट्रिक्स सिद्धांत का उपयोग किया जाता है।
यह परीक्षण विस्फोटक में नाइट्रोजन यौगिक का पता लगाने के साथ उसके रंग परिवर्तन पर आधारित है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि लगभग सभी विस्फोटक नाइट्रोक्रोमैटिक, नाइट्रामाइन या नाइट्रेट आधारित यौगिकों से बने होते हैं।
फ्रांस में 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है…
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) के शोधकर्ताओं द्वारा ‘PIVOT’ नामक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड उपकरण…
प्राकृतिक खेती सम्मेलन 10 जुलाई, 2022 को आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल…
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 जुलाई, 2022 को निर्माण श्रमिकों को उनकी क्षमताओं…
विश्व शांति मंच 2022 के दसवें संस्करण का आयोजन बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय द्वारा किया…
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन…